लोगों की आदत में शुमार हुए सुविचार
जेसी मिल के कर्मचारी रहे कृष्ण कुमार होलानी बताते हैं कि लोगों को सकारात्मक संदेश देने का विचार कोरोना काल के कारण ही आया था। हर ओर से नकारात्मकता का भाव दिख रहा था, लोग हतोत्साहित हो रहे हैं। मंदिर भी बंद हो गए थे, ऐसे में किससे याचना करें। तब इसकी शुरूआत की। महापुरुषों के विचार ढूंढने आदि में मेरा बेटा विशेष होलानी खास मदद करता है। अब लोगों की आदत बन गई है यदि मैं बोर्ड पर विचार बदल नहीं पाता हूं तो लोग टोकते हैं कि आपने विचार बदले क्यों नहीं हैं।
जेसी मिल के कर्मचारी रहे कृष्ण कुमार होलानी बताते हैं कि लोगों को सकारात्मक संदेश देने का विचार कोरोना काल के कारण ही आया था। हर ओर से नकारात्मकता का भाव दिख रहा था, लोग हतोत्साहित हो रहे हैं। मंदिर भी बंद हो गए थे, ऐसे में किससे याचना करें। तब इसकी शुरूआत की। महापुरुषों के विचार ढूंढने आदि में मेरा बेटा विशेष होलानी खास मदद करता है। अब लोगों की आदत बन गई है यदि मैं बोर्ड पर विचार बदल नहीं पाता हूं तो लोग टोकते हैं कि आपने विचार बदले क्यों नहीं हैं।
इनके लिखते हैं सुविचार
कृष्ण कुमार वैसे तो सभी महापुरुषों के सुविचार बोर्ड पर लिखते हैं, पर स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, स्वामी रामतीर्थ, रामचंद्र डोंगरे महाराज, राजेंद्रदास महाराज, स्वामी सत्य मित्रानंद, रामचरितमानस की चौपाइयां आदि के सुविचार बोर्ड पर लिखते हैं।
कृष्ण कुमार वैसे तो सभी महापुरुषों के सुविचार बोर्ड पर लिखते हैं, पर स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, स्वामी रामतीर्थ, रामचंद्र डोंगरे महाराज, राजेंद्रदास महाराज, स्वामी सत्य मित्रानंद, रामचरितमानस की चौपाइयां आदि के सुविचार बोर्ड पर लिखते हैं।