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फिर से लापरवाही- नहीं लगाई सेटरिंग, ढह गई मिट्टी-हो रहा लाखों का भुगतान, गड़बड़ी जारी

locationग्वालियरPublished: Jul 10, 2019 11:24:33 am

Submitted by:

Parmanand Prajapati

फिर से लापरवाही- नहीं लगाई सेटरिंग, ढह गई मिट्टी-हो रहा लाखों का भुगतान, गड़बड़ी जारी

फिर से लापरवाही- नहीं लगाई सेटरिंग, ढह गई मिट्टी-हो रहा लाखों का भुगतान, गड़बड़ी जारी

फिर से लापरवाही- नहीं लगाई सेटरिंग, ढह गई मिट्टी-हो रहा लाखों का भुगतान, गड़बड़ी जारी

ग्वालियर. अमृत योजना में एक और गड़बड़ी सामने आ रही है। ताजा मामला किलागेट चौराहा पर डाली जा रही सीवर की पाइप लाइन से जुड़ा हुआ है। जहां करीब १० से २० फीट की गहराई तक खुदाई की जा रही है। लेकिन सुरक्षा मानकों का ध्यान नही रखा जा रहा है। नियमानुसार गहरी खुदाई वाले स्थानों पर ठेकेदार को मिट्टी धसकने से रोकने के लिए सटरिंग का उपयोग किया जाना होता है। ताकि आस पास कि मिट्टी, मकान आदि न धसकें और उसमें कार्य करने वाले कर्मचारियों का जीवन सुरक्षित भी रहे। लेकिन उक्त नियमों की खुलेआम अवहेलना की जा रही है। किलागेट के पास हो रही खुदाई में भी मिट्टी को धसकने से रोकने के लिए सटरिंग का उपयोग नहीं किया गया इसके चलते आस पास कि मिट्टी धसकने से गड्ढे की चौड़ाई अधिक हो गई है। जिससे वहां पर निकल रहीं पानी की पाइप लाइनों के ढह जाने का खतरा बड़ गया है। हालांकि अमृत योजना में घोटाला करने वाले अफसर इस पूरे मामले को भी दबाने कि कोशिशों में जुट गए हैं। कमोवेस यही हालात शहर मे दूसरी जगह हो रही खुदाई के भी हैं। जहां सुरक्षा मानकों का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। ज्ञात हो कि अमृत योजना के तहत नारायण विहार में भी इसी प्रकार लापरवाही की गई थी जहां अफसरों की लापरवाही से मजदूरों की मौत हो गई थी। लेकिन उक्त घटना के बाद भी गड़बड़ी करने वाले इंजीनियरों ने कोई सबक नहीं लिया है।
सीधी बात-
अखिलेश्वर सिंह, आरई अमृत येाजना पीडीएमसी
-शहर में अमृत योजना का काम हो रहा है, किलागेट पर मिट्टी धसकने की घटना सामने आई है?
इस मामले को दिखवा रहे हैं।
-पहले भी नारायण विहार में गहराई वाले स्थान पर सटरिंग नहीं की गई थी इससे मजदूरों की मौत हो गई थी, फिर भी हालात नहीं बदले?
जहां सटरिंग की आवश्यकता होती है, वहां पर सटरिंग का काम कराया जाता है, हर जगह सटरिंग की जरूरत नहीं हैं।
-करीब १५ फीट से अधिक गहरे गड्ढे में ठेकेदार के कर्मचारी काम कर रहे थे, मिट््टी फिर से धसकी तो कौन जिम्मेदार होगा, पास ही में पानी की पाइप लाइन भी ढह सकती है?
मैं इस मामले को दिखवाता हूं, सटरिंग का काम अलग से होता है, अगर काम नहीं होता है तो उसके बिलों का भुगतान नहीं होता है।
मांगेगे जवाब-
गहराई वाले स्थानों पर सटरिंग का उपयोग किया जाना चाहिए। अगर ठेकेदार एेसा नहीं करता है तो संबंधित इंजीनियर कि जिम्मेदारी है कि वह उससे काम कराए। आपके द्वारा यह मामला मेरे संज्ञान में लाया गया है। संबंधित इंजीनियर से जवाब तलब किया गया जाएगा।
आरएलएस मौर्य, अधीक्षण यंत्री पीएचई नगर निगम।
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