अंडों से बाहर निकाले घडिय़ाल के बच्चे
ग्वालियरPublished: May 20, 2021 11:11:27 pm
वर्तमान में चंबल नदी में 2176 एवं देवरी केन्द्र पर 223 घडिय़ाल हैं
अंडों से बाहर निकाले घडिय़ाल के बच्चे
मुरैना. घडिय़ालों के पालन पोषण के लिए देश के एक मात्र देवरी घडिय़ाल केन्द्र पर गुरुवार को हेचिंग के जरिए अंडों से 24 घडिय़ाल के बच्चों को बाहर निकाला गया। पिछले पांच दिन में 178 बच्चों को बाहर निकाला जा चुका है। अभी 20 अंडे और रह गए हैं जिनकी हेचिंग के जरिए बच्चों को बाहर निकाला जाएगा।
जानकारी के अनुसार देवरी घडिय़ाल केन्द्र पर हर साल 200 अंडों की हेचिंग कर घडिय़ाल के बच्चे निकाले जाते हैं। उसके बाद इनका केन्द्र पर पालन होता है। हर साल अलग अलग चंबल नदी के घाटों से अंडे कलेक्ट किए जाते थे चूंकि इस बार कोरोना संक्रमण के चलते श्योपुर बरोली घाट से 10 मई को 200 अंडे कलेक्ट किए गए। उनको देवरी केन्द्र पर रेत में उसी तापमान में रखा गया जिस तापमान पर रेत से अंडे कलेक्ट किए गए। 16 मई से हेचिंग कराई गई। अभी तक 180 अंडे से हेचिंग हुई जिनमें से 178 बच्चे बाहर आ चुके हैं। दो अंडे खराब हो गए। अभी बीस अंडे और रह गए हैं, उनकी अभी हेचिंग होनी हैं।
तीन साल तक पाला जाता है :देवरी केन्द्र पर घडिय़ाल के बच्चों को तीन साल तक देवरी घडिय़ाल केन्द्र पर पाला जाता है। 180 सेमी लंबाई होने पर इनको चंबल नदी में छोड़ा दिया जाता है। इस दौरान उनका केन्द्र पर पूरा ख्याल रखा जाता है। समय समय पर उनका स्वास्थ्य चेकअप होता है। चंबल नदी के घाट से जिस तापमान पर अंडे कलेक्ट करके लाया जाता है और उनको केन्द्र पर स्थित हेचुरी के अंदर रेत में ढक कर रखा जाता है, वहां उतना ही तापमान दिया जाता है जितने तापमान से अंडे कलेक्ट करके लाए जाते हैं। यहां रोजाना तापमान चेक किया जाता है। 10 मई को हेचुरी में रखने के बाद उसको रोजाना चेक करते हैं। अंडों से आवाज आने पर उनको ऊपर से थपथपाया जाता है उसके बाद बच्चे बाहर निकलना शुरू हो जाते हैं।