ग्वालियर से जुड़े जिले भी शामिल हों
ग्वालियरPublished: Jan 18, 2020 01:10:52 am
उच्च न्यायालय अभिभाषक संघ ने उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के अधिकार क्षेत्र में चार और जिलों को शामिल किए जाने के लिए इन जिलों के अधिवक्ता संघों से सहमति पत्र मांगा है।
ग्वालियर से जुड़े जिले भी शामिल हों
ग्वालियर. उच्च न्यायालय अभिभाषक संघ ने उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के अधिकार क्षेत्र में चार और जिलों को शामिल किए जाने के लिए इन जिलों के अधिवक्ता संघों से सहमति पत्र मांगा है। इसके बाद संघ इन जिलों को ग्वालियर में शामिल करने के लिए मांग करेगा। संघ के उपाध्यक्ष सर्वेश शर्मा ने पत्रिका एक्सपोज से चर्चा करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि ग्वालियर खंडपीठ में सबसे कम जिले हैं, इंदौर और जबलपुर खंडपीठ के अधिकार क्षेत्र में अधिक जिले हैं। इस प्रकार जो असंतुलन उत्पन्न हो गया है उसे दूर किया जाना जरूरी है। वहीं ग्वालियर से जुड़े हुए जिलों को ग्वालियर के अधिकार क्षेत्र में शामिल किया जाना चाहिए। संघ इसके लिए लगातार प्रयास कर रहा है। यह प्रयास तब तक जारी रहेगा, जब तक यह जिले ग्वालियर के अधिकार क्षेत्र में शामिल नहीं हो जाते हैं।
जिला न्यायालय की लाइब्रेरी में पुस्तकों की कमी होने से अधिवक्ताओं को पुस्तकें नहीं मिल पाती हैं, क्या बार ने इसके लिए प्रयास किया है?
लाइब्रेरी में पिछले कुछ समय से किताबें नहीं खरीदी गई थीं, इस कारण यह स्थिति उत्पन्न हो गई थी। लेकिन अब यह समस्या दूर हो गई है, क्योंकि लाइब्रेरी में सभी आवश्यक पुस्तकों की व्यवस्था कर दी गई है। अधिवक्ता मुकेश गुप्ता एवं अरुण पटेरिया ने हाल ही में इसका शुभारंभ किया है।
जिला न्यायालय में पार्किंग की बड़ी समस्या है, यहां अक्सर जाम लगा रहता है, बार ने इसके लिए क्या प्रयास किए हैं?
जिला न्यायालय में प्रतिदिन 20 से 25 हजार के करीब लोग आते हैं। इतनी अधिक संख्या के कारण पार्किंग की समस्या होना स्वाभाविक है। संघ ने यहां उच्च न्यायालय की तरह ही अधिवक्ताओं के लिए पास की व्यवस्था की है, यह व्यवस्था शीघ्र लागू होगी, इससे काफी हद तक समस्या का समाधान होगा। वहीं नए जिला न्यायालय भवन में भी पार्किंग के लिए अब पर्याप्त जगह मिलेगी। संघ के अध्यक्ष विनोद भारद्वाज द्वारा इस संबंध में उच्च न्यायालय में दमदारी से यह बात उठाई गई, इस कारण न्यायालय को यह जमीन मिल सकी है।
अधिवक्ताओं के लिए ऑनलाइन फीस जमा करने की व्यवस्था कब तक प्रारंभ होगी?
जिस प्रकार उच्च न्यायालय में लगने वाले प्रकरणों की जानकारी अधिवक्ता ऑनलाइन देख सकते हैं, उसी तरह से बार ने जो सॉफ्टवेयर तैयार किया है उसमें सभी अधिवक्ताओं के नाम फीड किए जा चुके हैं। यह व्यवस्था अगले माह प्रारंभ हो जाएगी। इसके प्रारंभ होने के बाद अधिवक्ता यह देख सकेंगे कि उनकी कितनी फीस जमा है और कितनी बकाया है।