बच्चों व महिलाओं के निजी सामान एवं कपड़े रखने के लिए ३० बैग, इनके लिए तीस ताले, ३०-३० कॉमिक्स व जनरल नॉलेज की किताबें, पर्दे, पंचतंत्र की कहानिया, दो कैरम, दो रैकेट सेट, दस लीटर के दो कुकर, दो जग, पानी के दो डंके, एक किलोग्राम के २४ डिब्बे, १०० किलो आटा, नाश्ते की ३० प्लेट, ३० गिलास, ४ बड़े टब, ६ बाल्टी, ६ मग, ६ डस्टबिन, ट्रेक सूट बाल संपे्रक्षण गृह के लोगों सहित कुल ३० देना होंगे। ३० दिन में करना होगा आदेश का पालनउच्च न्यायालय ने आरोपी को न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का तीस दिन में पालन कर पालन प्रतिवेदन रजिस्ट्री के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए हैं। आदेश का पालन नहीं होने पर जमानत आवेदन स्वत: खारिज हो जाएगा।
सात साल बाद पकड़ा गया आरोपी आरोपी आशीष कुमार सिंह ने जमानत आवेदन प्रस्तुत कर कहा कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है जबकि सीबीआई की ओर से असिस्टेंट सोलिसीटर जनरल विवेक खेडकर का कहना था कि आरोपी के खिलाफ लगाए गए आरोपों के पर्याप्त सबूत हैं। इसलिए उसे जमानत का लाभ नहीं दिया जाना चाहिए। आरोपी को सीबीआई ने ३१ जनवरी २० को गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ वर्ष २०१३ में धारा १२०बी, १०९, २०१, ४१९, ४२०, ४६७, ४६८, ४७१ एवं परीक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। उस पर आरोप है कि उसने अपने स्थान पर सॉल्वर को परीक्षा में बैठाया था। इसके लिए फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए गए थे। आरोपी सात साल से फरार था। इस मामले में सीबीआई द्वारा आरोपी के खिलाफ चालान पेश कर दिए जाने से उसके खिलाफ कोई जांच नहीं होने पर उसे जमानत देने का निवेदन किया गया था। न्यायालय ने उपरोक्त शर्तों के अलावा सात अन्य शर्तों के साथ आरोपी को जमानत पर रिहा किए जाने के आदेश दिए।