scriptसीएम हेल्पलाइन में लापरवाही बरतने वालों को सरकार का एक और सहारा | another support to the government's caretaker in the cm helpline | Patrika News

सीएम हेल्पलाइन में लापरवाही बरतने वालों को सरकार का एक और सहारा

locationग्वालियरPublished: Sep 04, 2018 07:12:45 pm

Submitted by:

Rahul rai

अब अधिकारी लेबल-4 और लेबल-3 पर आने वाली शिकायतों को बंद कर सकेंगे

cm helpline

सीएम हेल्पलाइन में लापरवाही बरतने वालों को सरकार का एक और सहारा

ग्वालियर। अंचल से लगभग हर सप्ताह आने वाली करीब 30 शिकायतों का निराकरण और हर महीने एल-1 पर बनी रहने वाली लगभग तीन हजार से अधिक और एल-4 पर भी लगभग 3 हजार से अधिक पैंडेंसी को निपटाने में लापरवाही बरतने वाले अफसरों को सरकार ने एक और सहारा दे दिया है। अब अधिकारी लेबल-4 और लेबल-3 पर आने वाली शिकायतों को बंद कर सकेंगे। इसके लिए लोक सेवा प्रबंधन के प्रमुख सचिव ने सभी कलेक्टर, एसीएस और सीएस सहित सभी विभागों को पत्र लिखकर जानकारी दी है।
इस पत्र के जारी होने के बाद सीएम हेल्पलाइन में जारी विसंगतियां और ऑपरेटर्स द्वारा बगैर समाधान के जवाब देने की आसानी हो जाएगी और शिकायतकर्ता की संतुष्टि के बगैर फोर्स क्लोज की संख्या और बढ़ जाएगी। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा परेशान किए जाने, बिजली, सडक़, जनहित के काम समय पर न होने सहित अन्य शिकायतों को लेकर लगातार आवेदकों का कहना है कि ऑपरेटर्स द्वारा हर बार समाधान होने का जवाब दिया जाता है।
इससे असंतोष व्यक्त करने पर शिकायत फिर से ब्लिंक करने लगती है। जबकि समाधान को लेकर सबसे ज्यादा लापरवाही एल-4 और एल-1 पर ही बरती जा रही है। इसके बावजूद प्रमुख सचिव ने इस स्तर पर शिकायत बंद करने की सुविधा प्रदान करके आम जनता की सुविधा की बजाय लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों को ही राहत प्रदान कर दी है। अब, शिकायत कर्ता के असंतुष्ट होने के बाद भी समाधान करने वाले अधिकारी स्पेशल क्लोज की श्रेणी में रखकर शिकायत को बंद कर देंगे।
यह निर्देश हैं पत्र में
प्रमुख सचिव लोक सेवा प्रबंधन द्वारा लिखे पत्र में उल्लेख किया गया है कि लेबल-४ पर लंबित शिकायतों को लेबल-३ पर ही स्पेशल क्लोज किया जा सकेगा। इसके लिए मान्य और अमान्य शिकायतों की श्रेणी को तय करने के लिए लेबल-३ के अधिकारी को अधिकार दिए गए हैं। इसके लिए अधिकारी को सिर्फ एक कारण का उल्लेख करना पड़ेगा। खास बात यह है कि इस व्यवस्था से शिकायतों के निराकरण का दबाव कलेक्टर स्तर पर नहीं बनेगा और आम जनता के हित के कामों की सही जानकारी को दबाने में अधिकारियों को आसानी होगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो