मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा के साथ प्रदेश के विभिन्न गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष जांच के लिए कराहल पहुंचे। अतिक्रमण मुहिम के दौरान की गई कार्रवाई से पीडि़त सिख परिवारों से जांच दल के सदस्यों ने कराहल गुरुद्वारा में चर्चा की। उनकी बात सुनने के साथ ही सभी पीडि़तों के बयान दर्ज किए गए। इस दौरान पीडि़त परिवारों ने तहसीलदार पीएन परमार, एसडीएम रुपेश उपाध्याय, नायब तहसीलदार नवल किशोर जाटव, पटवारी राजकुमार पर आरोप लगाए।
कुशवाह समाज के देवस्थान को भी देखा टीम ने: अतिक्रमण मुहिम के दौरान कुशवाह समाज के देव स्थान पर भी सीएम द्वारा भेजी गई टीम पहुचीं। टीम प्रमुख सलूजा ने कहा में इस बात को सीएम कमलनाथ को बताऊंगा। जांच कमेटी में सागर, भोपाल, खरगौन, इंदौर, जबलपुर गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष शामिल थे। भिण्ड से कुलवंत सिंह, जस्सा सिंह, रघुवीर सिंह, ग्वालियर से गुरुशरण सिंह, गुरुदयाल सिंह, त्रिलोक सिंह भाटिया कमेटी के साथ आए थे।
मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने पीडि़त परिवारों से चर्चा और मौके पर पहुंचकर जायजा लेने के बाद माना कि कार्रवाई के दौरान ज्यादती हुई है। इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को दी जाएगी। अफसरों पर कार्रवाई वे ही करेंगे। छोटे अधिकारियों द्वारा अभद्रव्यवहार करने की जानकारी भी सामने आई है। माफिया मुक्त अभियान बड़े शहरों में चल रहा है कोई गांव व पिंड में सरकार ने नहीं कहा कि कोई माफिया अभियान चलाओ। किसान कोई माफिया नहीं है इसे सरकार को बदनाम करने के लिए गलत रूप दिया गया है। हम अधिकारियों के खिलाफ भी मुख्यमंत्री को रिपोर्ट देंगे।
कराहल में सिर्फ राजस्व, फॉरेस्ट की जमीन
मुख्यमंत्री के निर्देश पर जांच के लिए आई टीम और सिख समुदाय के साथ कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में हुई बैठक के दौरान पीडि़त सिख परिवारों व अन्य जनप्रतिनिधियों की बात सुनने के बाद कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा कि यह बात पहली बार संज्ञान में आई है कि तहसीलदार ने कुछ गलत शब्दों का इस्तेमाल किया। अगर ऐसा हुआ है तो इसकी भी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि जो कार्रवाई हुईं वह पूरे जिले में हुईं। जिले में 49 कार्रवाई हुई। इस दौरान हमें नहीं पता था कि इसमें कितने सिख परिवार है व अन्य जाति के हैं। लेकिन जब यह विषय बढ़ा तो जातिवाद के आधार पर क्लासीफिकेशन इसलिए कराया कि जैसा चल रहा है वैसा हो रहा है, लेकिन सामने आया कि 12 ऐसे निकले जो सिख परिवार थे। बांकी विभिन्न समुदाय के हैं। इसलिए यह बिल्कुल नहीं है कि एक समुदाय विशेष के खिलाफ कार्रवाई हुई।
इसलिए यह मन से निकाल दें। कलेक्टर ने कहा कि कार्रवाई जल्दबाजी में नहीं की गई यह कार्रवाई एक माह में चलने वाली कार्रवाई हैं। कराहल नोटिफाइड ट्राइबल ब्लॉक है जहां सिर्फ राजस्व व फॉरेस्ट की जमीन है। उन्होंने कहा कि कार्रवाई के बाद कोई भी दस्तावेज लेकर नहीं आया कि कार्रवाई गलत हुई। अगर आपके पास दस्तावेज हैं तो लाएं अगर दस्तावेज सही हैं तो कोई दिक्कत नहीं होगी। बैठक के दौरान तय हुआ कि सिख समुदाय एक प्रतिनिधि मंडल के साथ कलेक्टर प्रतिभा पाल से मुलाकात कर दस्तावेज व समस्या बताएगा।