गुरूवार को पुलिस को कुछ लोगों ने इनपुट दिया है कि हत्या करने वालों ने रंगदारी के बूते पर सूदखोरी और नशे का धंधा तो करते थे गुप्तेश्वर पहाडी से सटी वन विभाग और दूसरी सरकारी जमीनों पर कब्जा भी जमा रखा है। इस खुलासे पर पुलिस इन्हें माफिया मानकर प्रशासन को इसकी जानकारी मुहैया कराएगी।
माना जा रहा है अगर इनपुट सही निकला तो हत्या करने वालों की बेजा संपति भी कानूनी जद में आएगी। उधर हत्या में नाम उजागर होने के बाद संदेही अब हाजिर होने की फिराक में है।
इनामी जितेन्द्र की हत्या में नाम सामने आने पर उमेश राठौर पुलिस के सामने आ गया था। उसने वारदात में कई लोगों के नाम भी बताए हैं। उमेश के खुलासे बस्ती में भी खलबली मच गई है।
हत्या से पहले जीतू दुश्मन की गली में क्यों आया यह पता नहीं चला है। उमेश ने खुलासा किया है भाई राजू की हत्या के बाद जीतू अंडरग्राउंड था। संजय नगर बस्ती की तरफ उसने रूख नहीं किया था। वारदात वाले दिन गली में आया था तो छोटू शाक्य ने उसकी लोकेशन बताई थी, तब उसे घेरा। लेकिन उमेश की कहानी में झोल है।
जीतू को पता था कि राजू के परिजन हत्या का बदला लेने के लिए उसकी तलाश में फिर खुद खतरा क्यों मोल लेगा। हत्या के बाद सामने आया भी था कि जीतू किसी महिला के बुलावे पर आया था।
उसे बुलाने वालों ने सुरक्षा का भरोसा दिलाया था। इस आशंका से इंकार नहीं किया जा रहा है कि जीतू को बुलाने की जानकारी उमेश को है, लेकिन वह उसका खुलासा नहीं कर रहा है।
जनकगंज टीआई संजीव नयन शर्मा ने बताया कि हत्या में शामिल बाकी लोगों को भी जल्द ही पकडा जाएगा। उनके बारे में कुछ इनपुट मिले हैं। 10 हजार के इनामी जीतू भटट की १५ नवंबर की रात को संजय नगर बस्ती में बेरहमी से हत्या की गई थी।