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अपने पैरों पर खड़ी हो सके महिलाएं, इसलिए ९० साल के बुजुर्ग बांट रहे सिलाई मशीन

locationग्वालियरPublished: Jan 20, 2020 06:25:45 pm

Submitted by:

Neeraj Chaturvedi

जिला झांसी के रहने वाले गनपतराम ४० वर्ष की उम्र में ग्वालियर आए।

अपने पैरों पर खड़ी हो सके महिलाएं, इसलिए ९० साल के बुजुर्ग बांट रहे सिलाई मशीन

अपने पैरों पर खड़ी हो सके महिलाएं, इसलिए ९० साल के बुजुर्ग बांट रहे सिलाई मशीन

अभी तक डेढ सौ से ज्यादा बांट चुके है मशीनें
ग्वालियर. जरुरतमंद महिलाएं आत्म निर्भर होकर अपने पैरों पर खड़ी हो सके। इसके लिए एक बुजुर्ग आज भी अपनी कमाई में से पैसा जोड़कर सिलाई मशीन देकर उन्हें आत्म निर्भर बना रहे है। हम बात कर रहे है दाल बाजार में ५० साल से मुनीम का काम करने वाले ९० वर्षीय गनपतराम नीखरा की। जिला झांसी के रहने वाले गनपतराम ४० वर्ष की उम्र में ग्वालियर आए। इन्होंने गरीबी के दिनों में संघर्ष करके अपने आप को स्थापित किया है। इसी उद्देश्य को लेकर अब इन्होंने समाज की महिलाओं को भी प्रेरित करने का जिम्मा उठा लिया है। इनके पास तक अगर किसी जरुरतमंद महिला को आत्म निर्भर बनाने के साथ मदद करने की सूचना मिलती है तो यह अपनी जमा पूजी का पैसा में से कैसे भी महिला को सिलाई मशीन दे देते है। इस कार्य के लिए यह किसी से भी पूछते तक नहीं और महिला की मदद कर देते है। इतना ही नहीं यह ९० वर्ष की उम्र में भी अपने समाज में अलग ही पहचान रखते है। समाज का कोई भी कार्यक्रम शहर के साथ आसपास के क्षेत्र में होता है तो यह निश्चित रुप से जाकर अपना योगदान जरुर करते है। अभी तक पचास साल में यह लगभग १५० के आसपास महिलाओं को सिलाई मशीन दे चुके है।
अपनी जबावदारी पर पचास लोगों को दिलवाया रोजगार
इस बुजुर्ग ने अपनी जबावदारी पर ही लगभग पचास लोगों को अभी तक रोगजगार दिलवाते हुए मुनीम का काम दिलवाया है। इससे लोग आत्म निर्भर होकर अपना जीवन यापन कर चुके। इतना ही नहीं इस उम्र में गहोई वैश्य समाज के सीनियर सिटीजन के अध्यक्ष पद पर कार्य कर रहे है। अगर किसी बुजुर्ग को कोई परेशानी आती है तो वह उसकी पूरी मदद करते है।
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