ग्वालियर.
जब विवाद सामने आता है, तब मध्यस्थता का काम प्रारंभ होता है। मध्यस्थता के लिए दोनों पक्षकारों को सहमत होना चाहिए। मध्यस्थता को भी दोनों पक्षकारों को समझाना बहुत आवश्यक है। यह बात रविवार को मध्य भारत शिक्षा समिति द्वारा संचालित माधव विधि महाविद्यालय के तहत तीन दिवसीय वैकल्पिक समाधान पद्धति विषय पर आयोजित ऑनलाइन कार्यशाला में दूसरे दिन शारदा विवि की सहायक प्राध्यापक रितु गौतम ने छात्रों को संबोधित करते हुए कही। विषय विशेषज्ञ के रूप में अभिभाषक संजय द्विवेदी ने छात्रों का मनोबल बढ़ाया।
एक्सपर्ट ने सवालों के दिए जवाब
कार्यशाला में छात्रों द्वारा चेट बॉक्स में किए गए प्रश्नों को सहायक प्राध्यापक चेतना यादव द्वारा एक के बाद एक डॉ रितु गौतम से पूछा गया। इस पर उन्होंने छात्रों की जिज्ञासाओं को शांत किया। कार्यशाला में विशेष रूप से समिति के अध्यक्ष नरेंद्र कुंटे, सचिव एडवोकेट आनंद करारा, शासी निकाय अध्यक्ष एडवोकेट प्रवीण नेवासकर, सदस्य एडवोकेट विवेक एवं 200 से अधिक विद्यार्थियों उपस्थित रहे। कार्यशाला का संचालन कार्यशाला संयोजक एवं प्राचार्य डॉ नीति पांडेय ने किया। आभार सहायक प्राध्यापक गिरीश पाल ने व्यक्त किया।