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गठिया -जोड़ों के दर्द में सोंठ है बहुत उपयोगी, पढ़ें फायदे

locationग्वालियरPublished: Oct 14, 2019 06:51:09 pm

Submitted by:

prashant sharma

सोंठ उष्णवीर्य, कटु, तीक्ष्ण, अग्निदीपक, रुचिवर्द्धक पाचक, कब्जनिवारक तथा हृदय के लिए हितकारी है। वातविकार, उदरवात, संधिशूल (जोड़ों का दर्द), सूजन आदि रोगों में अत्यंत लाभदायक है। सोंठ के दैनिक प्रयोग किस तरह किए जा सकते हैं

गठिया -जोड़ों के दर्द में सोंठ है बहुत उपयोगी, पढ़ें फायदे

गठिया -जोड़ों के दर्द में सोंठ है बहुत उपयोगी, पढ़ें फायदे

सूखे हुए अदरक को सोंठ कहते हैं। अदरक और सोंठ का उपयोग मसालों और घरेलू दवाओं के रूप में भी व्यापक तौर पर किया जाता है। यह वात रोगों की उत्तम औषधि है।
इन चीजों में फायदा करता है सोंठ
सोंठ उष्णवीर्य, कटु, तीक्ष्ण, अग्निदीपक, रुचिवर्द्धक पाचक, कब्जनिवारक तथा हृदय के लिए हितकारी है। वातविकार, उदरवात, संधिशूल (जोड़ों का दर्द), सूजन आदि रोगों में अत्यंत लाभदायक है। सोंठ के दैनिक प्रयोग किस तरह किए जा सकते हैं
सोंठ, हींग और काला नमक मिलाकर लेने से गैस की समस्या में लाभ होता है। पिसी हुई सोंठ और कैरम के बीजों को नींबू के रस में भिगोकर छाया में सुखाकर प्रतिदिन सुबह लेने से गैस और पेडू के दर्द में आराम मिलता है।
कांजी में सोंठ का चूर्ण डालकर पीने से आमवात (गठिया-जोड़ों का दर्द) में आराम मिलता है। सोंठ एवं हरड़ चूर्ण मधु में मिलाकर चाटना अथवा सोंठ एवं गोरख मुण्डी का कल्क अथवा तिल एवं सोंठ का कल्क खाना अथवा सोंठ, हरड़ एवं गिलोय का क्वाथ (काढ़ा) शुद्ध गूगल मिलाकर गरम-गरम पीना चाहिए। इससे कमर दर्द, कंधे का दर्द, घुटने का दर्द एवं पीठ दर्द दूर हो जाता है।
भुनी हींग 10 ग्राम, चव्य 20 ग्राम, विडनमक 30 ग्राम, सोंठ 40 ग्राम, काला जीरा 50 ग्राम और पोहकर 60 ग्राम लेकर कपड़छान चूर्ण बनाकर रख लें। 2-3 ग्राम चूर्ण प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करें।
इसके अलावा हींग, हरड़, पीपल, पीपलामूल, काली मिर्च, जीरा आदि ऐसे मसाले हैं आपके रसोईघर में, जो वातरोग, गठिया, जोड़ों का दर्द, जोड़ों की सूजन आदि की रामबाण औषधि है।
हरड़, सोंठ तथा अजवायन समभाग लेकर चूर्ण बनाएं और तक्र, गरम जल अथवा कांजी के साथ सेवन करें। इसके सेवन से गठिया एवं जोड़ों की सूजन से मुक्ति मिलती है।
लहसुन, सोंठ तथा संभालू का काढ़ा बनाकर पीने से गठिया तथा आमवात का शमन होता है। यह गठिया रोग की उत्तम औषधि है।
सोंठ, रास्ना, गिलोय, एरण्डमूल का क्वाथ बनाकर पीने से सर्वांगव्यापी आमवात तथा जोड़ों, अस्थियों एवं मांसपेशियों का दर्द दूर होता है।
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