इसकी जानकारी शिक्षा विभाग के अफसरों को भी थी। लेकिन किसी ने मुंह नहीं खोला। अब प्रशांत कानूनी जद में आया है तो उसके सहकर्मी भी कई राज उजगार कर रहे हैं। बता रहे हैं प्रशांत की राजनीति में भी गहरी पैठ है। उसके रसूख की जानकारी शिक्षा विभाग के चपरासी से लेकर आला अफसरों को रही है।
इसलिए कोई उसके खिलाफ नहीं बोलता था। सबको पता था प्रशांत क्या कर रहा है। कैसे करोड़ों की संपति बनाई है।
सहायक शिक्षक प्रशांत परमार के यहां करोड़ों की संपति का खुलासा करने के बाद ईओडब्ल्यू अब उसके यहां से बरामद दस्तावेजों की पड़ताल कर रही है। प्रशांत के घर से जमीन और कॉलेज के दस्तावेज के अलावा 4 बैंक में 10 खातों का लेखा जोखा मिला था।
सहायक शिक्षक प्रशांत परमार के यहां करोड़ों की संपति का खुलासा करने के बाद ईओडब्ल्यू अब उसके यहां से बरामद दस्तावेजों की पड़ताल कर रही है। प्रशांत के घर से जमीन और कॉलेज के दस्तावेज के अलावा 4 बैंक में 10 खातों का लेखा जोखा मिला था।
सोमवार को इंवेस्टीगेशन टीम को इन बैंक खातों को खंगालना था। लेकिन बैंक में दो दिन की हड़ताल है। इसलिए पड़ताल अटक गई। ईओडब्ल्यू अधिकारियों का कहना है जिन बैंक में प्रशांत और उसके परिवार के बैंक खाते पता चले हैं। उन्हें नोटिस देकर खातों में जमा रकम और लॉकर की जानकारी मांगी है।
इसके अलावा बाकी बैंकों से भी पूछा जा रहा है उनमे प्रशांत और उसके परिवार के खाते हैं या नहीं। अचल संपति की जानकारी भी जुटाई जा रही है। उसके लिए रजिस्ट्रार कार्यालय से जानकारी मांगी जा रही है।
सामने नहीं आया मास्टर
सहायक शिक्षक प्रशांत परमार छापे के बाद से अंडरग्राउंड है। ईओडब्ल्यू को उसके सामने आने का इंतजार है। क्योंकि वही बताएगा कि सरकारी नौकरी के साथ उसने इतना पैसा कैसे कमाया है। लेकिन छापे के वक्त ही प्रशांत घर से गायब मिला था। छापामार टीम को पता चला था कि बॉडी, धौलपुर में है। क्योंकि वहां से चुनाव लडऩा चाहता है। इसलिए टिकट की जोड़तोड़ में लगा है। प्रशांत परमार मूलत: सैफऊ राजस्थान का रहने वाला है। उसने वहां कितनी संपति बनाई है। इसका भी पता लगाया जा रहा है।
सरकारी सील का क्या इस्तेमाल
करोड़ों की संपति के अलावा प्रशांत के यहां से छापे में सरकारी विभागों की दर्जनों सील मिली थीं। इनका प्रशांत कहां और क्या इस्तेमाल करता था। उसे यह भी बताना पडेगा। क्योंकि आशंका है सरकारी शिक्षक की आड़ में प्रशांत शिक्षा माफिया भी हो सकता है।
यह है मामला
सहायक शिक्षक के यहां से बरामद दस्तावेज और बैंक खातों की पड़ताल की जा रही है। संंबंधित विभागों से उनके बारे में जानकारियां मांगी जा रही हैं। करोड़ों की संपति कमाने के जरिए का पता लगाया जा रहा है। जल्द ही सहायक शिक्षक की बैंक में जमा पैसे और लॉकर की भी जानकारी जुटाई जा रही है।
बिटटू सहगल ईओडब्ल्यू एसपी ग्वालियर
सामने नहीं आया मास्टर
सहायक शिक्षक प्रशांत परमार छापे के बाद से अंडरग्राउंड है। ईओडब्ल्यू को उसके सामने आने का इंतजार है। क्योंकि वही बताएगा कि सरकारी नौकरी के साथ उसने इतना पैसा कैसे कमाया है। लेकिन छापे के वक्त ही प्रशांत घर से गायब मिला था। छापामार टीम को पता चला था कि बॉडी, धौलपुर में है। क्योंकि वहां से चुनाव लडऩा चाहता है। इसलिए टिकट की जोड़तोड़ में लगा है। प्रशांत परमार मूलत: सैफऊ राजस्थान का रहने वाला है। उसने वहां कितनी संपति बनाई है। इसका भी पता लगाया जा रहा है।
सरकारी सील का क्या इस्तेमाल
करोड़ों की संपति के अलावा प्रशांत के यहां से छापे में सरकारी विभागों की दर्जनों सील मिली थीं। इनका प्रशांत कहां और क्या इस्तेमाल करता था। उसे यह भी बताना पडेगा। क्योंकि आशंका है सरकारी शिक्षक की आड़ में प्रशांत शिक्षा माफिया भी हो सकता है।
यह है मामला
सहायक शिक्षक के यहां से बरामद दस्तावेज और बैंक खातों की पड़ताल की जा रही है। संंबंधित विभागों से उनके बारे में जानकारियां मांगी जा रही हैं। करोड़ों की संपति कमाने के जरिए का पता लगाया जा रहा है। जल्द ही सहायक शिक्षक की बैंक में जमा पैसे और लॉकर की भी जानकारी जुटाई जा रही है।
बिटटू सहगल ईओडब्ल्यू एसपी ग्वालियर