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हाईकोर्ट के आदेश पर स्कूल वाहनों में बच्चों की सुरक्षा जांचने 18 न्यायिक मजिस्ट्रेट उतरे सडक़ पर, जानिए क्या मिलीं खामियां

locationग्वालियरPublished: Jan 18, 2019 07:14:20 pm

Submitted by:

Rahul rai

इमरजेंसी गेट खुलने की स्थिति में नहीं थे, साथ ही कई बसों में अग्नि शमन यंत्र और फस्र्ट एड बॉक्स नहीं पाए गए। स्कूली वैन और ऑटो में परमिट से दोगुने से अधिक बच्चे मिले

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हाईकोर्ट के आदेश पर स्कूल वाहनों में बच्चों की सुरक्षा जांचने 18 न्यायिक मजिस्ट्रेट उतरे सडक़ पर, जानिए क्या मिलीं खामियां

ग्वालियर। उच्च न्यायालय के आदेश पर स्कूली वाहनों में बच्चों की सुरक्षा जांचने के लिए सुबह 18 न्यायिक मजिस्ट्रेट सडक़ पर उतरे, इससे स्कूल वाहन संचालकों में हडक़ंप मच गया। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अलग-अलग क्षेत्रों में मोबाइल कोर्ट के जरिए जांच की, इस दौरान अधिकांश बस चालकों के पास गाड़ी के रजिस्ट्रेशन, बीमा और अन्य दस्तावेज नहीं मिले। बसों के अंदर जांच में जीपीएस तथा स्पीड गवर्नर पाए गए, लेकिन इमरजेंसी गेट खुलने की स्थिति में नहीं थे, साथ ही कई बसों में अग्नि शमन यंत्र और फस्र्ट एड बॉक्स नहीं पाए गए। स्कूली वैन और ऑटो में परमिट से दोगुने से अधिक बच्चे मिले, ऐसे वाहनों पर कार्रवाई की गई। इस दौरान 115 बसों से 61,500 रुपए जुर्माना वसूल किया गया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एनएमएस मीणा की अगुवाई में थाटीपुर, मुरार, विश्वविद्यालय, झांसी रोड, पड़ाव, इंदरगंज और हजीरा ग्वालियर में उन स्थानों पर चेकिंग पॉइंट लगाए, जहां से स्कूली बसें, ऑटो और स्कूल वैन निकलती हैं। पुलिस और कोर्ट के स्टाफ द्वारा इन बसों को रोक कर लाइन से खड़ा कर दिया गया, फिर एक-एक कर बस,ऑटो व स्कूल वैनों की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए दिशा निर्देश के तहत जांच की गई, इसमें गाड़ी के दस्तावेज, फिटनेस तथा अंदर की व्यवस्थाओं व सुरक्षा को देखा।
कहां किसने की चेकिंग
हजीरा क्षेत्र में न्यायिक मजिस्ट्रेट अजय कुमार यदु एवं सुनीत अग्रवाल ने 22 वाहनों की जांच कर 15,900 रुपए जुर्माना किया। इंदरगंज क्षेत्र में न्यायिक मजिस्ट्रेट शिवांगी श्रीवास्तव, संजय जैन ने 19 वाहनों की जांच की और 16,500 रुपए जुर्माना किया। झांसी रोड क्षेत्र में न्यायिक मजिस्ट्रेट दीपराज कवडे, एमएनएच रजवी द्वारा 15 वाहनों पर 3200 रुपए जुर्माना किया गया। न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन, राजेन्द्र सिंह शाक्य व दीक्षा तनेजा ने विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में 10 वाहनों की जांच कर 9800 रुपए जुर्माना वसूला। न्यायिक मजिस्ट्रेट विवेक बुखारिया, विनायक गुप्ता व अंकिता गुप्ता ने पड़ाव थाना क्षेत्र में 13 वाहनों की जांच कर 11,200 रुपए जुर्माना किया।
बच्चों से पूछा-तेज तो नहीं चलते वाहन
जांच के दौरान बच्चों से पूछा गया कि उनके वाहन ज्यादा तेज तो नहीं चलते हैं, इस पर कुछ बच्चों ने जब कहा कि गाड़ी तेज चलाई जाती है, इस पर ड्राइवर को चेतावनी देते हुए कहा गया कि ऐसी शिकायत फिर मिली तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।
कई बसें नहीं पहुंचीं स्कूल
मजिस्ट्रेट चेकिंग की भनक लगते ही नियमों के विरुद्ध चलने वाले स्कूली वाहनों के चालकों ने अपने वाहन रोक दिए और बच्चों के अभिभावकों को इसकी सूचना दे दी, इसके बाद उनके अभिभावक बच्चों को लेकर स्कूल पहुंचे।
जुर्माना जमा करने में देरी से बच्चे हुए परेशान
कई वाहन चालकों के पास जुर्माने की राशि नहीं थी, ऐसे वाहनों को खड़ा रहना पड़ा, जिससे बच्चों को भी परेशानी हुई। बाद में उनके संचालक आए और उन्होंने अदालत में जाकर जुर्माना भरा। जांच के दौरान यह ध्यान रखा गया कि बच्चे परेशान न हों और उन्हें स्कूल जाने में विलंब न हो।
यह मिलीं कमियां
-स्कूल बसों में इमरजेंसी गेट न खुलने की स्थिति में पाए गए, उन्हें चेतावनी दी गई की इन्हें ठीक कराया जाए।
-बसों की खिड़कियां असुरक्षित पाई गईं, इनकी कुंडियों से चोट लगने का अंदेशा जताते हुए इन्हें ठीक कराने के निर्देश दिए गए।
-कुछ बसों में फायर सिस्टम तथा फस्र्ट एड नहीं मिले।
-स्कूली ऑटो में बच्चों की सुरक्षा के लिए गेट पर जालियां नहीं पाई गईं।
-ऑटो में निर्धारित संख्या से पांच-छह बच्चे अधिक पाए गए।
-ट्रेवलर बस को स्कूल बस में कनवर्ट कर चलाते हुए पाया गया।
-कई स्कूली वाहन परमिट की शर्तों का उल्लंघन करते हुए पाए गए।
-कुछ स्कूली वाहन चालकों के पास बीमा, परमिट भी नहीं थे।
-कई बसें खराब हालत में थीं।
इसलिए की गई जांच
उच्च न्यायालय द्वारा एक जनहित याचिका पर सभी न्यायिक मजिस्ट्रेट को नियमित रूप से स्कूली बसों की जांच कर रिपोर्ट उच्च न्यायालय को सौंपने के आदेश दिए गए हैं। इसके तहत यह जांच की जा रही है। न्यायालय के आदेश का पालन नहीं होने पर इस मामले में उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका भी प्रस्तुत की गई है, जिसकी सुनवाई अभी लंबित है।

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