पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी का निधन : प्रदेश की इस शहर की गलियों में आज भी अमिट है अटल स्मृतियां,SEE VIDEO
वहीं शहर के तमाम नेताओं ने अटल जी के निधन पर शोक जताया और हर किसी की आंखों में आंसू नजर आ रहे हैं। पत्रिका ने जब शहर में रह रही उनकी भतीजी कांति मिश्रा से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि सभी लोग दिल्ली चले गए हैं। मैं सेहत खराब होने की वजह से नहीं गई। प्रार्थना कर रही हूं कि एक बार फिर अटलजी को भाषण देते हुए देख सकूं।अटल बिहारी वाजपेयी का निधन : जब अटल जी ने कहा वहां के शौचालय इतने खराब हैं कि मैं बाहर भी आ पाउंगा और ये
ग्वालियर का शासकीय गोरखी स्कूल जहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने शिक्षा की।आज उसी गोरखी स्कूल के मंदिर में शिक्षक और छात्रों ने अटल जी के स्वास्थ को लेकर प्रार्थना की। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। अटल जी के निधन के चलते ग्वालिय चंबल सभाग सहित देशभर में शोक की लहर है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन,बचपन के दोस्त ने बताई कुछ ऐसी यादें
ग्वालियर में 1924 में जन्मे
वाजपेयी मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 25 दिसंबर 1924 को जन्मे। वे मूलत: कवि थे और शिक्षक भी रह चुके थे। 1951 में जनसंघ की स्थापना हुई और अटलजी ने चुनावी राजनीति में प्रवेश किया। 1957 में वाजपेयी मथुरा से लोकसभा चुनाव लड़े लेकिन हार गए।
जब देर रात दुकान पर नमकीन लेने पहुंच गए थे पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी
हालांकि,बलरामपुर सीट से वे जीत गए। 1975-77 के आपातकाल के दौरान वे गिरफ्तार किए गए। 1977 के बाद जनता पार्टी की मोरारजी देसाई की सरकार में वे विदेश मंत्री भी रहे। 1980 में उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी। वे 10 बार लोकसभा सदस्य रहे।