गैंग मेंबर्स को लग्जरी जिदंगी का लालच देकर लोकेन्द्र गिरोह में शामिल करता है। उसका (सत्यजीत बाला) का काम सिर्फ फर्जी आईडी से बैंक खाता खुलवाना और उसमें चोरी का पैसा आने पर उसे गैंग के दूसरे मेंबर्स के खातों तक ट्रांसफर करना था। हर ट्रांजिक्शन के बाद लोकेन्द्र उसे शराब पार्टी और मौज मस्ती के लिए पैसे देता था। आरोपी सत्यजीत को 10 दिन की रिमांड पर लिया है।
पत्नी ने किया खुलासा
क्लोन चेक ठगों के रैकेट में सत्यजीत बाला शामिल है। बैरकपुर (कोलकाता) की एसबीआई शाखा में जाकर पुलिस ने सोमनाथ के बैंक एकाउंट का रिकॉर्ड खंगाला तो सोमनाथ की आईडी में सत्यजीत के अलावा दूसरे खातों में दीपांकर मजूमदार, लोकेन्द्र हलदार का फोटो लगा मिला था। सत्यजीत भी सोमनाथ के घर से कुछ दूरी पर रहता। फोटो देखकर सोमनाथ ने हजीरा पुलिस को उसके घर ले जाकर खड़ा कर दिया। पकड़े जाने पर सत्यजीत बाला साफ मुकर गया कि क्लोन चेक ठगों के रैकेट से उसका कोई ताल्लुक नहीं है लेकिन पुलिस ने उसकी पत्नी को गैंग मेंबर्स के फोटो दिखाए तो उसने खुलासा किया यह लोग सत्यजीत के पास आते हैं लेकिन उसके सामने कोई बात नहीं करते।
टारगेट वाले ग्राहक की जगह टीम मेंबर का लगाते थे फोटो
अब सत्यजीत बाला बता रहा है मास्टरमाइंड लोकेन्द्र हलदार की टीम में उसकी तरह कई छात्र हैं। लोकेन्द्र सबको आलीशन जिदंगी का लालच देकर उनके फोटो और आईडी कार्ड लेता है। यूको बैंक में ग्राहकों की डिटेल उसके पास रहती है। जिस ग्राहक को टारगेट करना होता है उसके नाम से टीम मेंबर का फोटो लगाकर खाता खुलवाता है। उससे (सत्यजीत बाला) से भी फोटो लेकर सोमनाथ के नाम से एसबीआई में बैंक एकाउंट खुलवाया था। उससे एकाउंट फार्म पर हस्ताक्षर करवाते समय कहा था कि इससे तुम्हारा भी फायदा होगा।
एेसे आपॅरेट करता गिरोह
पुलिस का कहना है ठगों ने यूकों बैंक के ग्राहकों के खाते से क्लोन चैक के जरिए उनके खातों से पैसा चोरी किया है। यूको बैंक की मुख्य ब्रांच और प्रिंटिंग प्रेस कोलकाता में है। आशंका है बैंक या प्रिटिंग प्रेस का कोई कर्मचारी ठग गैंग से संपर्क में उसकी मिलीभगत से ही गिरोह ऑपरेट करता है।