वर्ष 2018 का पहला महीना उम्मीदों एेसे माता-पिताओं की उम्मीद पर पानी फेरने वाला रहा। क्योंकि शुक्र ग्रह का अस्त होने की वजह से जनवरी में बैंड नहीं बजेंगे। वहीं नवंबर महीने में गुरु अस्त होने की वजह से शादी पर ब्रेक लगा रहेगा।
पंडित शैलेंद्र मुडि़या का कहना है कि जिस माह में सूर्य संक्रांति नहीं होती है। वह अधिक मास होता है। इसी प्रकार जिस माह में दो सूर्य संक्रांति होती है वह क्षय मास कहलाता है। इन दोनों ही मासों में मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। उनका कहना है कि इस दौरान धर्म-कर्म का पुण्ड फलदायी होता है। सौर वर्ष ३६५. २४२२ दिन का होता है, जबकि चंद्र वर्ष ३५४.३२७ दिन का होता है। दोनों कैलेंडर वर्ष में १०.८७ दिन का अंतर होता है। इस तरह तीन साल में यह अंतर एक महीने का हो जाता हे। इस असमानता को दूर किए जाने को लेकर अधिक मास और क्षय मास का नियम बनाया गया है।
शादी के मुहूर्त
जनवरी : एक भी मुहूर्त नहीं है।
फरवरी : 3,4,6,7,8
मार्च : 3,5,7,8,12
अप्रेल : 18,19,20,24,25,27,29
मई : 1,3,5,6,9,11,12
जून : 17, 22,25,27,29
जुलाई : 2,3,5,6,10,11,15
दिसंबर :10,11,13,14,15