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अवैध उत्खनन पर आकाश से निगरानी के लिए एनआईसी को सिस्टम तैयार करने लिखा पत्र

locationग्वालियरPublished: Feb 20, 2020 12:12:46 am

अवैध उत्खनन को रोकने वन विभाग ने खरीदे दो ड्रोन, पुलिस ने कहा अवैध उत्खनन में लगे लोगों की पुलिस कर रही है कुण्डली तैयार

अवैध उत्खनन पर आकाश से निगरानी के लिए एनआईसी को सिस्टम तैयार करने लिखा पत्र

अवैध उत्खनन पर आकाश से निगरानी के लिए एनआईसी को सिस्टम तैयार करने लिखा पत्र

ग्वालियर। चंबल संभाग में रेत के अवैध उत्खनन तथा पत्थर के अवैध खनन पर रोक लगाने तथा इस पर निगरानी रखने के लिए सेटेलाइट इमेजनरी का किस प्रकार उपयोग हो सकता है इसके लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) को पत्र लिखा है। वहीं वन विभाग ने अपने जवाब में कहा है कि विभाग ने अवैध उत्खनन पर निगरानी के लिए दो ड्रोन खरीदे है इसके अलावा विभाग अपने को अपग्रेड कर रहा है। एसपी मुरैना ने अपने जवाब में कहा कि जिले के सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अवैध उत्खनन में लगे लोगों की सूची तैयार करें। उच्च न्यायालय ने कलेक्टर, एसपी एवं डीएफओ मुरैना के जवाब आने के बाद इस मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया है। एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया की याचिका को लेकर न्यायालय के आदेश पर यह जवाब प्रस्तुत किए गए हैं। मुरैना कलेक्टर प्रियंका दास द्वारा प्रस्तुत जवाब में कहा गया कि वर्ष २००६ में अवैध उत्खनन को रोके जाने के लिए गठित टास्क फोर्स द्वारा अवैध उत्खनन को रोकने के लिए निरंतर कार्रवाई की जाती है। इसके लिए नियमित बैठकें आयोजित की जाती है। २८ जनवरी २० की बैठक में आमराय से १७ बिंदु तय किए गए हैं। इन पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि अवैध उत्खनन से संबंधित कई आपराधिक मामले मुरैना में लंबित हैं। इस संंबंध में न्यायालय को एेसे मामलों की त्वरित गति से सुनवाई के लिए निवेदन किया गया है।अवैध उत्खनन में लगे लोगों की पहचान कर बन रही है सूचीमुरैना एसपी रुकम सिंह यादव द्वारा प्रस्तुत जवाब में कहा गया कि वर्ष २०१८ में अवैध उत्खनन को रोकने के लिए की जाने वाली पेट्रोलिंग के दौरान ३९ वाहन जो कि अवैध उत्खनन में लगे थे उन्हें जब्त किया गया। इन वाहनों को वन विभाग को कार्रवाई के लिए सुपुर्द किया गया। जो वाहन जब्त किए गए एवं जिन्हें वन विभाग को सौंपा गया उसे रोजनामचा में दर्ज किया गया। वर्ष २०१९ में पुलिस ने ५२ वाहनों को अवैध उत्खनन करते हुए पकड़ा। इनमें १७ ट्रक, ३२ ट्रेक्टर ट्रॉली एवं तीन डम्फर शामिल थे। इन वाहनों को पुलिस की पेट्रोलिंग के दौरान जब्त किया गया। जवाब में कहा गया कि अवैध उत्खनन पर रोक के लिए डिस्ट्रीक्ट मजिस्ट्रेट की अगुवाई में टास्क फोर्स का गठन किया गया, जिसमें एसपी, डीएफओ, आरटीओ, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य तथा खनन अधिकारी को सदस्य बनाया गया। सभी के द्वारा वर्ष २०१८-१९, वर्ष २०१९-२० में १३ फरवरी २० तक अवैध उत्खनन कार्य में लगे लोगों पर कार्रवाई की गई। एसपी द्वारा अपनी रिपोर्ट में कहा गया कि चंबल रेत के अवैध उत्खनन का बडा क्षेत्र है और समय-समय इस अवैध कार्य में लगे लोगों पर कार्रवाई की जाती है। इसके साथ ही इस क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए भी निरंतर कार्रवाई की जा रही है। जवाब में कहा गया कि प्रशासन, पुलिस एवं वन विभाग द्वारा संयुक्त रुप से कार्रवाई की गई। जिसमें आरोपियों पर रासुका के तहत भी कार्रवाई की गई है। १४ फरवरी २० को निर्देश दिए गए हैं कि अवैध उत्खनन में लगे लोगों की पहचान कर उनकी सूची तैयार की जाए।वन विभाग ने कहा हमारे पास साधनों का अभावडीएफओ मुरैना पीडी गैब्रियल द्वारा प्रस्तुत जवाब में कहा गया कि वन विभाग द्वारा अवैध उत्खनन को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। वन विभाग ने वर्ष २०१८ में अवैध उत्खनन करने वालों पर १२५ मामले दर्ज किए गए। विभाग द्वारा कार्रवाई कर १११ वाहन जब्त किए गए। उनकी ओर से प्रस्तुत जवाब में कहा गया है कि सेटेलाइट इमेजिंग के जरिए अवैध उत्खनन पर रोक लगाने विभाग के पास पर्याप्त साधन नहीं है। वर्तमान स्थितियों में यह संभव भी नहीं है। विभाग ने वर्तमान में अवैध उत्खनन पर रोक लगाने तथा इस पर निगरानी के लिए ड्रोन केमेरा खरीदा है। विभाग अपने को लगातार अपग्रेड कर रहा है। वन विभाग द्वारा अवैध उत्खनन में राजसात किए गए वाहनों की नीलामी से २१ लाख २० हजार रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है।
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