scriptजल्द मिलेंगी एलोपैथिक जन औषधि केन्द्रों पर डायबिटीज और कैंसर की आयुर्वेदिक दवाएं | Ayurvedic medicines for diabetes and cancer on allopathic public medic | Patrika News

जल्द मिलेंगी एलोपैथिक जन औषधि केन्द्रों पर डायबिटीज और कैंसर की आयुर्वेदिक दवाएं

locationग्वालियरPublished: Mar 06, 2019 07:54:09 pm

बाजार से सस्ते दामों पर मिलेंगी दवाएं, केन्द्र सरकार की नई रणनीति

Ayurvedic medicines

Ayurvedic medicines

ग्वालियर। आयुर्वेद के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र सरकार ने नई रणनीति बनाई है, जिसके तहत जल्द ही ग्वालियर समेत प्रदेश और देश भर के लगभग 3 हजार एलोपैथिक जनऔषधि केन्द्रों पर आयुर्वेद की जेनेरिक दवाएं मिलेंगीं। इसमें मुख्य रूप से डायबिटीज और कैंसर में उपयोगी आयुर्वेदिक दवाएं शामिल रहेंगी जो बाजार से कम दामों पर इन जन औषधि केन्द्रों पर मिला करेंगीं।

सूत्रों ने बताया कि आयुर्वेद की भारत के साथ-साथ विश्व पटल पर पहचान बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने कवायद शुरू की है, जिसके तहत रणनीति बनाई गई है कि एलोपैथिक जन औषधि केन्द्रों पर अभी तक एलोपैथिक दवा ही लोगों को मिल पाती हैं। यहां आयुर्वेद की दवाएं भी बिकना शुरू हो जाए तो इससे आयुर्वेद का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार भी होने लगेगा और दवाएं भी संबंधित लोगों को सस्ते दामों पर मिलना शुरू हो जाएंगी।

केन्द्रीय मंत्री नाइक ने की थी घोषणा


केन्द्रीय आयुष मंत्री यशो नाईक ने इस आशय की घोषणा कुछ समय पूर्व की थी उनका कहना था कि सरकार इस दिशा मेंं स्वास्थ्य मंत्रालय से चर्चा कर रही है ताकि आयुर्वेद की जेनेरिक दवाएं भी एलोपैथिक दवाओं की भांति सस्ती दरों पर उपलब्ध हो सकेंगी। बताया गया कि इसके लिए पृथक से नवीन आयुर्वेदिक फार्माकोपिया तैयार करने की अनुमति केन्द्र सरकार से मांगी जा रही है। इसके पीछे केन्द्र सरकार की कोशिश है कि ग्वालियर समेत प्रदेश व देश भर में जन मानस को आयुर्वेद की जेनेरिक व सस्ती दवाएं मिल सकें।

इतने हैं जन औषधि केन्द्र


सूत्रों ने बताया कि ग्वालियर समेत प्रदेश भर में वर्तमान में 67, राजस्थान में 78, छत्तीसगढ़ में 174, उत्तरप्रदेश में 331, महाराष्ट्र में 169 समेत देश में कुल 2284 जन औषधि केन्द्र संचालित हैं।
डायबिटीज के लिए- करेला, जामुन, गुड़मार, मैंथी, नीमपत्ती, आंवला, शिलाजीत से बनी आयुर्वेद औषधियां सस्ते दर पर उपलब्ध होंगी।
कैंसर के लिए- गिलो, आंवला, तुलसी, हल्दी, एलोविरा, स्वर्ण भस्म आदि से बनी आयुर्वेद औषधियां होंगी जो जनमानस को उचित दर पर मिलेंगी।

मरीजों को ये होगा फायदा


एलौपैथिक जन औषधि केन्द्रों पर आयुर्वेद की जेनेरिक दवाईयां जो बाजार में अभी अस्सी रुपए की बाजार में हैं जो उक्त केन्द्र पर चालीस रुपए में मिला करेंगी।

इतनी हैं दवाईयां बनाने की कंपनियां
ग्वालियर समेत मप्र में आयुर्वेद औषधियां बनाने की छोटी-बड़ी कुल लगभग 200 कंपनियां हैं और देश में कुल लगभग 3500 कंपनियां हैं।


इनका कहना है


-देश में शीघ्र ही आयुर्वेद की जेनेरिक औषधियां मिलेंगी। सरकार की कोशिश है कि एलोपैथी की भांति आयुर्वेद विधा भी चिकित्सा की मुख्य धारा में शामिल हो सके और सस्ती दवाएं जन-जन तक पहुंच सकें। सरकार को कैंसर व डॉयबिटीज की औषधियों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
डॉ. राकेश पाण्डेय प्रेसीडेंट आयुर्वेद पीजी एसोसिएशन
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो