उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के न्यायमूर्ति आनंद पाठक ने यह आदेश आरोपी जितेन्द्र सिंह गुर्जर के आवेदन को स्वीकार करते हुए कहा कि मानव के अंदर संवेदनशीलता की प्रवृत्ति के साथ ही सेवा, प्रेम और दया की भावना भी अंदर रहती है, यह प्रकरण ऐसी प्रवृत्तियों को जगाने का एक प्रयास है। जिससे कि मनुष्य के अंदर की बुराई को समाप्त कर उसे अच्छे कार्य के लिए प्रेरित किया जाए। आरोपी के अधिवक्ता विशाल त्रिपाठी ने न्यायालय ने आरोपी के आवेदन को प्रस्तुत करते हुए कहा कि आरोपी समाज में सेवा कार्य करना चाहता है। उसकी इस स्वीकारोक्ति के बाद न्यायालय ने उक्त आदेश दिया।
एडवोकेट विशाल त्रिपाठी ने न्यायालय में आरोपी का जमानत आवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि आरोपी को बिलौआ थाने में दर्ज हत्या का प्रयास करने के एक मामले में 14 फरवरी 2019 को गिरफ्तार किया गया था। तभी से वह जेल में है। आरोपी का कहना था कि उसके खिलाफ जो मामला दर्ज किया गया है वह झूठा है। उनकी ओर से कहा गया कि एसडीओपी डबरा ने इस मामले में जांच की जिसमें पाया कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। शिकायतकर्ता ने एफआईआर लिखाकर कहा कि उसे निशाना बनाकर चार लोगों ने गोलियां चलाई थीं, लेकिन कोई गोली फरियादी को नहीं लगी और यहां तक कि मौके से कोई खाली कारतूस भी बरामद नहीं हुए थे। इस मामले में 24 अप्रेल 19 को चार्जशीट फाइल की जा चुकी है।
न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद निर्देश दिया कि आरोपी को जिला अस्पताल में सोमवार, मंगलवार और बुधवार को सुबह 9.30 बजे से एक बजे तक दिसंबर 19 तक सेवा कार्य करना होगा। सीएमएचओ उसे सेवा कार्य की अनुमति देंगे। सीएमएचओ ही तय करेंगे कि उससे किस प्रकार का सेवा कार्य कराया जाना है। न्यायालय ने आदेश की प्रति सीएमएचओ को भी भेजे जाने के निर्देश दिए।