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स्वेच्छा से संबंध बनाना बलात्कार नहीं, शादी नहीं करने पर कराई एफआईआर हाईकोर्ट ने की खारिज

locationग्वालियरPublished: Feb 22, 2020 11:12:48 pm

आठ माह से रिलेशन में थी महिला, पति से तलाक के बिना दूसरी शादी के लिए डाल रही थी दबाव, शादी नहीं करने पर दर्ज कराई थी एफआईआर

स्वेच्छा से संबंध बनाना बलात्कार नहीं,  शादी नहीं करने पर कराई एफआईआर हाईकोर्ट ने की खारिज

स्वेच्छा से संबंध बनाना बलात्कार नहीं, शादी नहीं करने पर कराई एफआईआर हाईकोर्ट ने की खारिज

ग्वालियर। उच्च न्यायालय ने सेनजीत सिंह के खिलाफ दर्ज कराई गई बलात्कार की एफआईआर को खारिज करते हुए कहा कि स्वेच्छा से संबंध बनाना बलात्कार नहीं है। फरियादी महिला ने पहले पति के रहते उससे तलाक लिए बिना यह जानते हुए कि उसकी दूसरी शादी नहीं हो सकती आरोपी पर शादी के लिए दबाव बनाया। इस प्रकार गलत तथ्यों पर आधारित मुकदमे को चलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती । न्यायमूर्ति जीएस अहलुवालिया ने उक्त आदेश के साथ ही आरोपी के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही को समाप्त करने के आदेश दिए। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि आठ माह तक दोनों रिलेशनशिप में थे। फरियादी महिला जानती थी कि उसका पति से तलाक नहीं हुआ है। इस कारण वह दूसरी शादी नहीं कर सकती है। कानूनन उसे इसकी अनुमति नहीं है। रिलेशनशिप किसी दबाव में विकसित हुई एेसा फरियादी महिला ने अपने बयानों में नहीं कहा है। इसमें महिला की सहमति थी। लेकिन इसे गलत रंग देने की कोशिश की गई। लिहाजा प्रकरण की परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। सेनजीत सिंह ने यह याचिका उसके खिलाफ दर्ज कराई गई बलात्कार की एफआईआर को निरस्त करने की मांग को लेकर प्रस्तुत की थी। इस याचिका के लंबित रहते आरोपी सेनजीत के खिलाफ पुलिस ने चालान भी पेश कर दिया था। सेनजीत सिंह के खिलाफ फरियादी महिला द्वारा ३ मार्च १८ को यह आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई कि वह गोला का मंदिर की एक कॉलोनी में रहती है और ब्यूटिशियन का काम करती है। इस दौरान उसकी आरोपी से दोस्ती हो गई। आरोपी ने कहा कि वह उसके साथ शादी करेगा। शादी का झांसा देकर वह उसके साथ लगातार बलात्कार करता रहा। एफआईआर दर्ज करने से एक दिन पहले आरोपी उसे अपने कमरे में ले गया और फिर उसके साथ बलात्कार किया। जब महिला ने उस पर शादी के लिए जोर डाला तो आरोपी ने शादी से मना कर दिया। इसलिए उसने यह रिपोर्ट दर्ज कराई। महिला ने अपने १६१ के बयान में यह भी कहा था कि उसकी शादी सुनील नाम के युवक से हुई थी। पारिवारिक विवाद के कारण उसने अपने पति को छोड दिया और अपने पिता के घर आ गई थी। वह आरोपी से आठ माह से संपर्क में थी। याचिकाकर्ता उससे मिलता था और बलात्कार करता था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का कहना था कि महिला ने अपने पति के खिलाफ दहेज एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था। महिला ने यह जानते हुए कि उसका पहले पति से तलाक नहीं हुआ है वह याचिकाकर्ता पर विवाह के लिए दबाव डाल रही थी। जबकि तलाब के बिना उनका विवाह संभव नहीं था।
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