न्यायालय ने आरोपी के जमानत आवेदन को खारिज करते हुए कहा कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। आरोपी जेल से ही नामांकन फॉर्म भर सकता है। आरोपी के जमानत आवेदन का विरोध करते हुए लोक अभियोजक बृजमोहन श्रीवास्तव का कहना था आरोपी बलवीर सिंह कुशवाह ने 11 नवंबर 2017 को अपने पार्टनर को सागरताल पर गोली मारी थी। इसके बाद से वह फरार था। आरोपी ने उच्च न्यायालय में उसके खिलाफ दर्ज हत्या के प्रयास के इस मामले को निरस्त करने के लिए याचिका प्रस्तुत की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
वहीं इस मामले में फरियादी नीलेश पांडे ने उच्च न्यायालय में एक याचिका प्रस्तुत कर कहा था कि पुलिस आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उसे तत्काल गिरफ्तार कर कार्रवाई करने की मांग पर उच्च न्यायालय ने इस मामले के जांच अधिकारी को निर्देश दिए थे कि वे इस मामले में जल्दी कार्रवाई करे, आरोपी को गिरफ्तार करने तथा अन्य विधि अनुसार कार्रवाई के निर्देश भी न्यायालय ने दिए थे। एक माह पूर्व दिए गए इस आदेश के बाद फरियादी ने पुलिस को अपना अभ्यावेदन दिया था, लेकिन उसके बचाव में आए एक पूर्व मंत्री के कारण पुलिस ठंडी पड़ गई थी। इसके बाद फरियादी ने फिर से एक आवेदन पुलिस को देते हुए कहा कि आरोपी से उसे खतरा है इसलिए उसे गिरफ्तार किया जाए। पुलिस ने इसके बाद ही आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
यह है मामला
बलवीर सिंह ने फरियादी नीलेश पांडे के साथ गिरवाई पर करीब ढाई बीघा जमीन का सौदा किया था। इस जमीन पर दोनों प्लॉट बेच रहे थे। जमीन को खरीदने के लिए नीलेश पांडे ने बलवीर को 18 लाख रुपए दिए थे। डील के अनुसार बलवीर ने नीलेश को पैसे नहीं दिए, जब उसने पैसे मांगे तो आरोपी ने उस पर कट्टे से फायर कर दिया था। इस हमले में उसकी पीठ में गोली लगी थी। पुलिस ने आरोपी से कट्टा भी बरामद किया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भी आरोपी बलवीर सिंह के आवेदन को खारिज कर दिया।