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ग्वालियर शहर को हुआ 80 करोड़ का नुकसान,आम जनता का हुआ बुरा हाल

locationग्वालियरPublished: Dec 22, 2018 11:07:11 am

Submitted by:

Gaurav Sen

ग्वालियर शहर को हुआ 80 करोड़ का नुकसान,आम जनता का हुआ बुरा हाल

bank strike for 5 days

सरकारी बैंकों में लटके रहे ताले: 80 करोड़ का लेन-देन प्रभावित, 450 अधिकारी हड़ताल पर

ग्वालियर। बैंक अधिकारी संघ के आव्हान पर वेतन पुनरीक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार को की गई हड़ताल से सरकारी बैंकों में ताले लटके रहे। शहर की 20 बैंकों की 125 शाखाओं के करीब 450 से अधिक अधिकारी नो वर्क-नो पे के आधार पर हड़ताल में शामिल हुए। 22 दिसंबर को चौथे शनिवार और 23 दिसंबर को रविवार की छुट्टी होने से अब बैंक सोमवार को ही खुलेंगे। इसके बाद 25 दिसंबर को क्रिसमस और 26 दिसंबर को फिर हड़ताल होने से बैंक बंद रहेंगे। बैंकिंग सेक्टर से जुड़े लोगों के मुताबिक शुक्रवार की हड़ताल से करीब 80 करोड़ के लेन-देन प्रभावित हुए हैं।

खाली हुए एटीएम
शहर में बैंकों की हड़ताल के चलते ग्राहकों ने कैश निकालने के लिए एटीएम का सहारा लिया। एटीएम में कैश लोडिंग की व्यवस्था की गई थी, लेकिन एटीएम में कैश नहीं भरा गया, इसके चलते कई जगहों के एटीएम खाली हो गए। अब शनिवार को एटीएम में कैश भरा जाएगा।

यह काम नहीं हुए
बैंकों में हड़ताल से ग्राहकों के किसी तरह के काम नहीं हो पाए। उनके नए खाते नहीं खुल सके। इसके अलावा उपभोक्ता सेवाओं में रकम का लेन-देन, चेक क्लियरिंग, लॉकर ओपनिंग, ड्रॉफ्ट व आरटीजीएस बनाने जैसे काम नहीं हुए।

सोमवार को होगी भीड़
तीन दिन तक लगातार सरकारी बैंक बंद रहने से सोमवार को बैंकों में ग्राहकों की भीड़ होने की उम्मीद है। उसके बाद 25 दिसंबर को क्रिसमस और 26 दिसंबर को एआइबीइए ने तीन बैंकों के विलय को लेकर हड़ताल की घोषणा की है।

एसबीआइ जोनल ऑफिस पर प्रदर्शन

हड़ताल के दौरान बैंक कर्मियों ने सुबह सिटी सेंटर स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के जोनल ऑफिस के बाहर एकत्रित होकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद सभी अधिकारी रैली के रूप में सिटी सेंटर स्थित यूनियन बैंक के मंडल कार्यालय, पीएनबी के मंडल कार्यालय और इंडियन ओवरसीज बैंक की सिटी सेंटर शाखा पर पहुंचे। यहां प्रदर्शन के बाद सभी अधिकारी वापस एसबीआइ के जोनल ऑफिस पहुंचे।

इस मौके पर ग्वालियर अंचल अधिकारी संघ के उप महासचिव अवधेश अग्रवाल ने कहा कि 11वां वेतन समझौता 1 नवंबर 2017 से प्रभावी होना था, पर आइबीए की हठधर्मिता से लागू नहीं हो पा रहा है। 8 फीसदी की वेतन वृद्धि का आइबीए का प्रस्ताव हमारे परिश्रम के साथ मजाक जैसा है। प्रदर्शन के दौरान आरसी धनगढ़, अरविंद नोदिया, वीरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, राकेश निगम, विनोद रत्नाकर, अनूप राणा, सतेन्द्र शर्मा, राजीव पोपली, वीरेन्द्र गुप्ता आदि मौजूद थे।

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