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गौरतलब है कि शहर के मनियर स्थित छात्रावास के पीछे रहने वाले अमर सिंह (41) पुत्र शिवदयाल धाकड़ का बंधन बैंक में खाता था और गत 13 नवम्बर को अमर के खाते से किसी अज्ञात ठग ने फर्जी चेक लगाकर 2 लाख 82 हजार रुपए निकाल लिए थे। घटना के बाद अमर ने बैंक कर्मियों पर मिलीभगत के आरोप लगाते हुए देहात थाना पुलिस में शिकायती आवेदन दिया था। बैंक के सीसीटीवी फुटेज में भी उस ठग का फोटो कैद हो गया था, जिसने इस घटना को अंजाम दिया। घटना के दौरान बैंक प्रबंधन ने खुद को सही बताते हुए उपभोक्ता द्वारा दूसरी चेक बुक निकालने की बात कही थी। बाद में पूरे मामले में यू-टर्न लेते हुए बैंक मैनेजर रवि गुप्ता ने अपने कुछ सहकर्मियों के साथ मिलकर उपभोक्ता अमर के खाते से ठग द्वारा निकाली गई पूरी राशि एकत्रित कर वापस कर दी, साथ ही अमर से कहा कि वो अब पुलिस में शिकायत न करें।
गौरतलब है कि शहर के मनियर स्थित छात्रावास के पीछे रहने वाले अमर सिंह (41) पुत्र शिवदयाल धाकड़ का बंधन बैंक में खाता था और गत 13 नवम्बर को अमर के खाते से किसी अज्ञात ठग ने फर्जी चेक लगाकर 2 लाख 82 हजार रुपए निकाल लिए थे। घटना के बाद अमर ने बैंक कर्मियों पर मिलीभगत के आरोप लगाते हुए देहात थाना पुलिस में शिकायती आवेदन दिया था। बैंक के सीसीटीवी फुटेज में भी उस ठग का फोटो कैद हो गया था, जिसने इस घटना को अंजाम दिया। घटना के दौरान बैंक प्रबंधन ने खुद को सही बताते हुए उपभोक्ता द्वारा दूसरी चेक बुक निकालने की बात कही थी। बाद में पूरे मामले में यू-टर्न लेते हुए बैंक मैनेजर रवि गुप्ता ने अपने कुछ सहकर्मियों के साथ मिलकर उपभोक्ता अमर के खाते से ठग द्वारा निकाली गई पूरी राशि एकत्रित कर वापस कर दी, साथ ही अमर से कहा कि वो अब पुलिस में शिकायत न करें।
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इस पर अमर भी मान गया और उसने अपने पैसे वापस लेकर पुलिस के पास से आवेदन वापस ले लिया। इस घटनाक्रम को लेकर शहर में बैंक प्रबंधन को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। लोगों का कहना है कि आखिर जब बैंक कर्मियों का इस मामले से कोईलेना-देना नहीं था तो इन लोगों ने पैसे क्यों वापस किए?। नियम के मुताबिक ऐसे केस में पुलिस कार्रवाई के बाद बैंक खुद पैसा उपभोक्ता को जांच के बाद वापस देता है, लेकिन इस मामले में बैंक मैनेजर सहित अन्य कर्मियों ने निजी तौर पर पैसे देकर यह मामला शांत किया।
इस पर अमर भी मान गया और उसने अपने पैसे वापस लेकर पुलिस के पास से आवेदन वापस ले लिया। इस घटनाक्रम को लेकर शहर में बैंक प्रबंधन को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। लोगों का कहना है कि आखिर जब बैंक कर्मियों का इस मामले से कोईलेना-देना नहीं था तो इन लोगों ने पैसे क्यों वापस किए?। नियम के मुताबिक ऐसे केस में पुलिस कार्रवाई के बाद बैंक खुद पैसा उपभोक्ता को जांच के बाद वापस देता है, लेकिन इस मामले में बैंक मैनेजर सहित अन्य कर्मियों ने निजी तौर पर पैसे देकर यह मामला शांत किया।
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थाना प्रभारी देहात दिलीप पांडे ने बताया कि बैंक प्रबंधन ने ही अपने स्तर पर पैसे एकत्रित कर उपभोक्ता को वापस कर दिए। इसके बाद उपभोक्ता ने अपनी शिकायत ही वापस ले ली। अब आगे की कार्रवाई कैसे हो?, दोनों पक्षों ने आपस में ही मामले को सुलझा लिया।
थाना प्रभारी देहात दिलीप पांडे ने बताया कि बैंक प्रबंधन ने ही अपने स्तर पर पैसे एकत्रित कर उपभोक्ता को वापस कर दिए। इसके बाद उपभोक्ता ने अपनी शिकायत ही वापस ले ली। अब आगे की कार्रवाई कैसे हो?, दोनों पक्षों ने आपस में ही मामले को सुलझा लिया।
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पीडि़त उपभोक्ता अमर सिंह़ ने बताया कि बैंक वालो ने मुझको लिखकर दिया है कि हम तुम्हारा पैसा वापस करवा देंगे। अभी मैं शादी मेंं हूं इसलिए खाता चेक नहीं किया, हो सकता है कि पैसा खाते में आ गया हो। इसलिए मैने थाने में से शिकायत वापस ले ली है।
पीडि़त उपभोक्ता अमर सिंह़ ने बताया कि बैंक वालो ने मुझको लिखकर दिया है कि हम तुम्हारा पैसा वापस करवा देंगे। अभी मैं शादी मेंं हूं इसलिए खाता चेक नहीं किया, हो सकता है कि पैसा खाते में आ गया हो। इसलिए मैने थाने में से शिकायत वापस ले ली है।
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मैनेजर बंधन बैंक रवि गुप्ता ने बताया कि अभी मामले की जांच चल रही है। हमने कोई पैसे वापस नहीं किए। कोई कुछ भी बोल सकता है। अभी मामला खत्म नहीं हुआ।
मैनेजर बंधन बैंक रवि गुप्ता ने बताया कि अभी मामले की जांच चल रही है। हमने कोई पैसे वापस नहीं किए। कोई कुछ भी बोल सकता है। अभी मामला खत्म नहीं हुआ।