सीआरएस के साथ झांसी मंडल के डीआरएम व अन्य अधिकारी सीआरएस स्पेशल से सुबह 7 बजकर 47 मिनट पर ग्वलियर से बानमोर के लिए रवाना हुए और ट्रेन 8 बजकर 6 मिनट बानमोर पहुंचे।
ग्वालियर से बानमोर की दूरी 19 किमी की है। सीआरएस ने सुबह ग्वालियर से ही मोटर ट्रॉली में बैठकर निरीक्षण किया। इस दौरान वह रास्ते में आने वाले आरओबी के साथ पुल पुलियाओं का भी निरीक्षण करते रहे। बानमोर से दोपहर 1.15 बजे सीआरएस ग्वालियर पहुंचे।
इसके बाद स्पीड ट्रायल स्पेशल ट्रेन दोपहर 3.08 बजे ग्वालियर से चलकर बानमोर 3.30 बजे पहुंची। ट्रैक पर इस दौरान 127 किमी प्रति घंटे की गति से परीक्षण किया। गति परीक्षण में कोई त्रुटि नहीं मिली और सीआरएस सामान्य तौर पर संतुष्ट थे।
निरीक्षण के दौरान रेल संरक्षा आयुक्त के साथ डीआरएम आशुतोष, मुख्यालय से आए मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) शरद मेहता, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुराग, आरके श्रीवास्तव, मुख्य परियोजना प्रबंधक (आरवीएनएल) सुमित सरदाना मौजूद रहे।
दस ट्रॉली में बैठे अधिकारी
ग्वालियर से बानमोर तक सीआरएस के साथ कई विभाग के अधिकारी शामिल थे। इसलिए दस ट्रॉलियों का इंतजाम किया गया। रेलवे ट्रेक पर यह बैटरी से संचालित होने वाली ट्रॉली होती है। इस निरीक्षण में पटरी के आसपास की स्थितियों को भी देखा गया।
भांडई (आगरा) से धौलपुर तक शुरू हुई लाइन
नई दिल्ली से बीना तक तीसरी लाइन की परियोजना में रेलवे ने भांडई (आगरा) से धौलपुर तक तीसरी लाइन पर ट्रेन दौड़ानी भी शुरू कर दी है और उसके आगे के सेक्शन में बिरला नगर तक काम पूरा हो चुका है। इस लाइन के चालू होने पर मालगाड़ियों के संचालन के लिए एक अलग रास्ता मिल जाएगा। इसके अतिरिक्त थ्रू ट्रेनों को इस लाइन पर चलाया जाएगा।