प्रत्येक केन्द्र पर एक न्यायाधीश एवं न्यायालयीन स्टाफ द्वारा मतदान कराया गया। मतदान प्रभारी विशेष न्यायाधीश जाकिर हुसैन एवं विशेष न्यायाधीश ऋतुराज सिंह चौहान तथा अन्य न्यायिक अधिकारी इन केन्द्रों पर लगातार नजर रखे हुए थे, वे लगातार निरीक्षण भी करते रहे।
पूर्व महाधिवक्ता आरडी जैन अपने पुत्र संगम जैन के साथ दिन में वोट डालने के लिए जिला न्यायालय पहुंचे, लेकिन बार काउंसिल की मतदाता सूची में उनका नाम ही नहीं था, इस कारण वे बिना वोट डाले वापस आ गए। उन्होंने अपना मतदाता क्रमांक बताया लेकिन वह नहीं मिला। उल्लेखनीय है कि पिछले बार काउंसिल के चुनाव उन्होंने ही संपन्न कराए थे।
बुजुर्ग अधिवक्ताओं को परेशानी न हो इसके लिए ग्राउण्ड फ्लोर पर ही मतदान केन्द्र बनाया गया था। जबकि युवाआें के लिए प्रथम तल पर मतदान केन्द्र बनाए गए थे। जिस समय मतगणना चल रही थी उस दौरान न्यायालय परिसर में दो प्रत्याशियों के बीच विवाद भी हो गया था।
चुनाव के लिए इंदरगंज चौराहे से लेकर मतदान केंद्रों तक भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। मुख्यगेट से केवल मतदाताओं को ही प्रवेश दिया जा रहा था। पक्षकारों के प्रवेश के लिए न्यायालय के पिछले गेट से व्यवस्था की गई थी। व्यवस्था की दृष्टि से अन्य सभी गेट बंद कर दिए गए थे।
मतदान को देखते हुए चेंबर, मराठा बोर्डिंग और जीव्हायएमसी मैदान में पार्र्किंग की व्यवस्था की गई थी, इसके बाद भी मराठा बोर्डिंग वाली लेन में सडक़ काफी संख्या में कारें खड़ी कर दी गई थीं। चौराहे पर पुलिस ने किसी भी वाहन को खड़ा नहीं होने दिया इसके बाद भी भीड के कारण कई बार यहां जाम की स्थिति बनीं।
इस चुनाव में प्रत्याशियों के समर्थक भारी उत्साह के साथ चुनाव प्रचार में लगे रहे। प्रत्याशी राजेश शुक्ला, जयप्रकाश मिश्रा, प्रेम सिंह भदौरिया, बीके शर्मा, प्रबल प्रताप सिंह सोलंकी, रोहित मिश्रा, हेमंत शर्मा, गायत्री सुर्वे, बीडी माहौर, अवधेश सिंह तोमर, जयप्रकाश कुशवाह, नीरज भार्गव, राजेन्द्र जैन, संजय सिंह, ओम शर्मा, सुरेश अग्रवाल, जितेन्द्र शर्मा तथा शिवेन्द्र सिंह कुशवाह के अलावा उनके समर्थक हर मतदाता से प्रथम वरीयता का वोट देने की अपील करते रहे।