यह मरीज कहां भती ्रहो रहे हैं इसकी जानकारी नहीं है। इस आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि मरीज की आड में एम्बूलेंस से आना जाना हो सकता है। इसलिए गुरुवार से सभी नाको ंपर पुलिस को हिदायत दी गई है कि बाहर से जो एम्बूलेंस शहर में आएगी। उसका पूरा ब्यौरा नाके पर ही दर्ज होगां।
मरीज के नाम पते के अलावा एम्बूलेंस चालक को यह भी दर्ज कराना होगा कि वह मरीज को कहां से लेकर आ रहा है और किस अस्पताल में ले जाएगा। इससे बाहर से आने वालों का डाटा नाकों पर ही मौजूद रहेगा और जरुरत पडने पर यह पता लगाना भी आसान होगा कि कौन मरीज किस अस्पताल में भर्ती है।
इस तरह होगी निगरानी
– नाकों पर एम्बूलेंस का नंबर, चालक का नाम और मरीज का ब्यौरा दर्ज होगा
– मरीज किस जिले, शहर या कस्बे से आ रहा है उसकी जानकारी नाके पर ही दर्ज होगी
– किस अस्पताल से किस अस्पताल के लिए रैफर किया गया है, उसे क्या बीमारी है। ब्यौरा नाके पर देना होगा।
– मरीज के साथ कितने अंटेडर हैं इसकी जानकारी भी दर्ज कराई जाएगी।
– इस ब्यौरे के आधार पर पुलिस और इंसीडेंट कमांडर की टीम उस अस्पताल में जाकर मरीज को क्रास करेंगी।