केन्द्रीय जेल में फोर्स की कमी : जेल अधीक्षक
ग्वालियरPublished: Sep 19, 2019 07:34:24 pm
फोर्स की कमी और दूर हो जाए तो जेल में नौकरी करने वालों को काम करने में कुछ राहत मिल सकती है। अभी भोपाल जेल में अंडा सेल बनाया जा रहा है, वहां निर्माण पूरा होने के बाद ग्वालियर जेल में सेल का काम शुरु होगा।
केन्द्रीय जेल में मूलभूत सुविधाओं की जरूरत : जेल अधीक्षक
ग्वालियर. केन्द्रीय जेल में फोर्स की कमी परेशान का सबसे बड़ा कारण है। यहां जिले के अलावा बाहरी बंदी भी सजा काट रहे हैं। यह बंदी जेल के नियम कायदे कानून नहीं तोड़ें इसलिए राउंड द क्लॉक निगरानी करना जरूरी है। यह बात केन्द्रीय जेल अधीक्षक मनोज साहू ने कही। उन्होंने कहा कि हालांकि तसल्ली है कि कम स्ट्रैंथ के बावजूद बंदियों को अनुशासन में रखा जाता है। जेल में सुरक्षा और आधुनिकीरण के लिहाज से विकास तो हुआ है। कुछ और मूलभूत सुविधाओं की जरुरत है, वह भी पूरी हो रही हैं। फोर्स की कमी और दूर हो जाए तो जेल में नौकरी करने वालों को काम करने में कुछ राहत मिल सकती है। जेल में मूलभूत सुविधाओं को लेकर उनसे बातचीत की गई –
जेल में फिलहाल बंदियों और जेल कर्मियों की कितनी संख्या है?
– जेल में कुल जमा 3300 बंदी सलाखों में हैं, जबकि उनकी निगरानी के लिए सिर्फ 233 जेलकर्मी हैं। जाहिर है कि 11 बंदियों की एक जेलकर्मी निगरानी कर रहा है। जबकि 6 बंदियों पर एक जेलकर्मी की तैनाती होना चाहिए।
सुरक्षा के लिहाज से जेल में और क्या इंतजाम हो रहे हैं?
– जेल की बाउंड्रीवॉल पर पांच फीट ऊंची तार फेंसिंग का काम किया जा रहा है। इससे सुरक्षा और पुख्ता होगी। वैसे पूरी जेल में 48 सीसीटीवी लगे हुए हैं। इनके जरिए जेल के अंदर हर मूवमेंट पर नजर रखी जाती है।
खूंखार बंदियों के लिए अंडा सेल बनाने की प्लानिंग थी, उसमें क्या डवलपमेंट हुआ है?
– अभी भोपाल जेल में अंडा सेल बनाया जा रहा है, वहां निर्माण पूरा होने के बाद ग्वालियर जेल में सेल का काम शुरु होगा।
जेल में बंदियों तक नशा, बाहरी सामान पहुंचने की बातें सामने आती रहती हैं। इन पर किस हद तक कंट्रोल हुआ है?
– बंदियों को हर वक्त निगरानी में रखा जाता है। सामान की तलाशी के लिए स्कैनर के अलावा फिजीकल तलाशी होती है। इसलिए अब इस तरह का सामान जेल में आना पूरी तरह प्रतिबंधित है।