यहां से चलने वाली छह अन्य ट्रेनों में यात्रियों को लगभग बीस दिन का अभी और इंतजार करना होगा, जबकि गर्मी के दिनों में अब अधिकांश एसी कोचों में पैर रखने की जगह नहीं है। यात्रियों को भी बेडरोल की सुविधा का इंतजार है, लेकिन रेलवे की धीमी तैयारी के चलते बेडरोल की सुविधा 15 मई के बाद ही शुरू हो पाएगी। झांसी मंडल के ग्वालियर में ही लॉउंड्री की सुविधा है। उसके बाद भी अभी तक यहां से अभी तक बेडरोल की सुविधा शुरू नहीं हो पाई है।
यह ट्रेनें चलती हैं ग्वालियर से
चंबल एक्सप्रेस, बुंदेलखंड एक्सप्रेस, रतलाम इंटरसिटी, बरौनी मेल, सुशासन एक्सप्रेस, ग्वालियर अहमदबाद, ग्वालियर पुणे ट्रेनों में बेडरोल की व्यवस्था मिलती है। रेलवे स्टेशन पर इन दिनों रिजर्वेशन काउंटर पर आने वाले यात्री अपना टिकट बनवाने से पहले बेडरोल के बारे में ही पता कर रहे हैं। गर्मी के इन दिनों लोग बाहर घूमने का प्रोग्राम बना रहे हैं, लेकिन बेडरोल की सुविधा नहीं मिलने से यात्रियों को अपने साथ चादर, तकिया सहित अन्य सामान घर से ही लेकर जाना पड़ रहा है।
प्रक्रिया चल रही है अभी बीस दिन लगेंगे
लालाराम सोलंकी, स्टेशन डायरेक्टर का कहना है कि बेडरोल शुरू करने के लिए प्रक्रिया चल रही है। इसमें लगभग बीस दिन लग जाएंगे। वहीं बुंदेलखंड एक्सप्रेस में यात्रियों को सुविधा मिलने लगी है।
भोपाल रेल मंडल की ट्रेनों में सुविधा शुरु
रेलवे ने भोपाल मंडल से चलने वाली सभी ट्रेनों में यात्रा के दौरान कंबल और बेडिंग देने की सुविधा फिर से शुरू करने का ऐलान कर दिया है। रेलवे की तरफ से ट्रेनों के एसी कोचमें कंबल और लिनन देने की सेवा बहाल कर दी है। यात्रियों को जानकारी के लिए बता दें कि अभी गाड़ी संख्या 12155 रानी कमलापति-हजरत निजामुद्दीन एक्सप्रेस में एवं 12185 रानी कमलापति-रीवा एक्सप्रेस में गाड़ी संख्या 12156 हजरत निजामुद्दीन-रानी कमलापति एक्सप्रेस एवं 12186 रीवा-रानी कमलापति एक्सप्रेस भी लिनेन, कम्बल की सप्लाई शुरू कर दिया गया है।