राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों ने किया इंतजाम
राजनीतिक दलों से जुड़े थाटीपुर के कुछ लोगों ने बाहर से बुलाए गए उपद्रवियों के ठहरने और खाने पीने का इंतजाम किया था। इन्हीं लोगों ने उपद्रवियों से रूबरू होकर और फेसबुक, वाट्सएप के जरिए आंदोलन की रूपरेखा समझाई थी। उत्पात के बाद जब पुलिस ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ कमेंट पोस्ट करने वालों पर नकेल सकी तो साजिश में शामिल लोगों ने सोशल मीडिया से दूरी बना ली।
शांति समिति की बैठक में भी शामिल हुए : साजिश में शामिल कुछ रसूखदार बंद से पहले शांति समिति की बैठक में भी शामिल हुए थे। उन्हें पता था कि अगले दिन पुलिस का रवैया नरम रहने वाला है।
पुलिस को बीट की नहीं थी जानकारी
कुम्हरपुरा, 60 फुटा रोड, नदीपार टाल, गल्ला कोठार सहित उससे सटी बस्तियों में बंद से पहले क्या मूवमेंट था, इसकी भनक भी पुलिस को नहीं थी। जबकि पुलिस अफसर लगातार मातहतों को बीट सिस्टम और इलाके में रहने वालों से सतत संपर्क की हिदायत देते हैं। इससे जाहिर है कि पुलिस का मुखबिर तंत्र भी बेहद कमजोर रहा है। इसलिए उसे पता नहीं चला कि उत्पात के लिए बाहर से हजारों की तादाद में लोग घनी बस्तियों में कब शिफ्ट हो गए ।
बस्तियों और खरीदार पर खुफिया विभाग की नजर
उत्पाती किन बस्तियों में ठहरे थे, उन्हें किन लोगों ने किसके कहने पर पनाह दी थी, उनके लिए कहां से, कितने का राशन खरीदा गया, खुफिया विभाग इसका पता लगा रहा है।
14 अप्रैल के लिए पुलिस का एक्शन प्लान तैयारफूलबाग रहेगा हाई सिक्योरिटी जोन
2 अप्रैल के बाद पुलिस अब माहौल बिगाडऩे वालों को कोई मौका नहीं देगी, इसलिए 14 अप्रैल के लिए एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। इस दिन सबसे ज्यादा कसावट फूलबाग और अंबेडकर पार्क में रहेगी। पुलिस अफसरों ने बैठक में इरादे साफ कर दिए हैं कि 14 अप्रैल को किसी को रैली और जुलूस नहीं निकालने दिया जाएगा। अंबेडकर पार्क में लोग बिना हुजूम के आएंगे। धारा १४४ लगी है, इसलिए यहां भीड़ नहीं लगने दी जाएगी। गुरुवार को दिनभर पुलिस ने गली मोहल्लो में जाकर लोगों के साथ बैठकें कीं। पब्लिक से कहा कि माहौल सौहार्द्रपूर्ण बनाए रखना आम लोगों की जिम्मेदारी भी है। किसी के बहकावे में नहीं आएं। अगर कोई हरकत करता है तो उसकी सूचना पुलिस को दें।