सवर्ण-ओबीसी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करके बंद को शांति पूर्ण तरीके से करने की बात कही है। संगठन प्रतिनिधियों ने भी अशांति न होने की बात कही और प्रशासन-पुलिस को सहयोग करने की हामी भरी है। जिसके चलते शहर में आज किसी भी प्रकार की घटना की कोई भी खबर अब तक सामने नहीं आई है। हालांकि कुछ सवर्ण नेता व युवा जरूर केंद्रीय मंत्री तोमर व माया सिंह के बंगले पर धरना प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां से भागा दिया।
लाठी, डंडा लेकर निकले तो कार्रवाई
बंद को लेकर प्रशासन की नजर सोशल मीडिया पर है। एडीएम संदीप केरकेट्टा ने सोशल मीडिया पर भडक़ाऊ पोस्ट डालने वालों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही धारा-144 का पालन कठोरता से कराने के लिए भी पुलिस से कहा है। एसपी के प्रतिवेदन के आधार पर दिए गए निर्देशों का उल्लंघन करने पर धारा-१८८ के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।
एसपी ने भी की शांति की अपील
एसपी नवनीत भसीन ने कहा कि बंद शांति पूर्ण रहेगा तो किसी भी तरह की कठोरता नहीं बरती जाएगी और बंद में सभी का साथ है तो फिर कोई भी समूह में न निकले लोग अपने आप बंद रखेंगे। इसके जवाब में कुछ सदस्यों ने फिर से दो अप्रैल को हुई हिंसा के दौरान प्रशासनिक ढील की याद दिलाते हुए कहा कि प्रशासन सवर्ण-ओबीसी वर्ग से ही शांति की अपील करता है, जबकि हिंसा करने वाले संगठनों पर कार्रवाई तक नहीं करता। इसके जवाब में कलेक्टर ने गड़े मुर्दे न उखाडऩे की बात कही और बैठक से उठ गए।
आखिर में सवर्ण-ओबीसी वर्ग के प्रतिनिधियों ने 8 सितंबर को पैदल मार्च की अनुमति का सूचनापत्र देते हुए कहा कि अनुमति आवेदन पहले दिया जा चुका है। महाराजा मानसिंह चौराहे से पैदल मार्च शुरू होगा और कलेक्ट्रेट तक आएगा। पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से होने वाले पैदल मार्च के बाद एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया जाएगा। इस दौरान सवर्ण-ओबीसी वर्ग के प्रतिनिधियों सहित प्रशासनिक पुलिस के अधिकारी मौजूद थे।
यह था पुलिस और प्रशासन का पूरा प्लान
1200 जवान
शहर में करीब 1200 से ज्यादा जवानों को सुरक्षा ड्यूटी में लगाया गया है। फोर्स सुबह तडक़े से फील्ड में आएगा। इस बार भी पुलिस की नजर शहर के उस हिस्से पर है जहां २ अप्रैल को इसी मुद्दे को लेकर हिंसा भडक़ी थी। इसलिए मुरार, थाटीपुर, गोला का मंदिर, सिरोल और महाराजपुरा के उन हिस्सों में अस्थाई सीसीटीवी कैमरे टांगे हैं जो सर्विलांस की निगरानी से बाहर रहते हैं।
खुफिया विभाग के मुताबिक गुरुवार को बंद में करीब 10 से ज्यादा संगठन शामिल हैं। शहर में धारा 144 लागू है, इसलिए संगठन के लोगों नें गुपचुप मीटिंग कर छोटे, बड़े कारोबारियों को बंद का समर्थन करने के मैसेज जारी किए हैं। बुधवार रात तक व्यापारी संगठनों नें समर्थन का भरोसा दिलाया है।
इस तरह सुरक्षा
फोर्स को शहर में किन प्वॉइंटस् पर तैनात रहेगा, बुधवार रात तक पुलिसकर्मियों को उनकी डयूटी समझा दी गई है। थाना मोबाइल के अलावा हर थाने में तीन मोबाइल पार्टियां बनाई गई हैं जो सुबह से इलाके में पेट्रोलिंग करेंगी। थाना प्रभारी वीडियो कैमरे के साथ पेट्रोलिंग करेंगे।
एससीएसटी एक्ट संशोधन के विरोध में सवर्ण समाज द्वारा बंद का अह्वान किया गया। जिला प्रशासन ने सुरक्षा की नजर से सरकारी स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी है। सरकारी एवं प्राइवेट स्कूल बंद रहेंगे। हालांकि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को शाला में उपस्थित होने की हिदायत दी गई है। ये जानकारी डीपीसी विजय दीक्षित ने दी।
ट्रांसपोर्ट मजदूर महासंघ ने बंद का समर्थन किया है। शहर में आज गुरुवार को टेम्पो-ऑटो का संचालन पूरी तरह से बंद रखा जाएगा। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेंद्रसिंह कुशवाह ने कहा कि भारत सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए बंद का समर्थन किया गया है।
जीवाजी यूनिवर्सिटी ने गुरुवार को होने वाली परीक्षाएं कलेक्टर के आदेश पर स्थगित कर अवकाश घोषित कर दिया है। कुलसचिव डॉ.आनंद मिश्रा के अनुसार गुरुवार को जेयू द्वारा पूरे संभाग में आयोजित सभी परीक्षाओं को स्थगित कर दिया। परीक्षाएं आगामी दिनों में होंगी, जिसका टाइम टेबल प्रथक से जारी होगा इसके साथ ही जिले के सभी सरकारी कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिया गया है।
ठ्ठ जीआरपी टीआइ अजीत सिंह चौहान ने बताया कि ग्वालियर स्टेशन के साथ बिरला नगर, डबरा और दतिया पर भी सख्ती बढ़ा दी गई है। ग्वालियर स्टेशन पर जीआरपी के चारों प्लेटफॉर्म पर 38 जवान तैनात रहेंगे। आरपीएफ टीआइ आनंद पांडेय ने बताया कि स्टेशन पर लगभग 15जवानों को तैनात किया गया है।
पेट्रोल पंप भी गुरुवार शाम चार बजे तक कारोबार बंद रहेंगे। बंद के दौरान सिर्फ मेडिकल कारोबार को खुला रखा जाएगा। प्रतिनिधि बोले… हमारे हाथों में डंडा भी नहीं होगा
शहर बंद के दौरान किसी भी तरह उप्रदव, प्रदर्शन या हिंसा नहीं होगी, यहां तक कि किसी युवा के हाथ में डंडा तक नहीं होगा। अगर कोई डंडा या किसी भी तरह का हथियार लिए हुए दिखे तो यह समझा जाए कि वह असामाजिक तत्व है। हम पूरी तरह से शांति पूर्ण बंद करने के समर्थक हैं। अब प्रशासन हम पर विश्वास दिखाए और धारा-१४४ को हटाकर शहर पर विश्वास करे। यह बात सवर्ण-ओबीसी वर्ग के प्रतिनिधियों ने बंद को लेकर कलेक्टर-एसपी के साथ हुई बैठक में कही है। इसके जवाब में कलेक्टर अशोक वर्मा ने कहा कि कोई भी अपनी सीमा का उल्लंघन न करे।
पांच या पांच से अधिक व्यक्ति एक जगह एकत्रित नहीं हो सकेंगे।
धरना, प्रदर्शन, जुलूस, नारेबाजी, भीड़ एकत्र करने पर रोक लगाई गई है।
शस्त्र-अस्त्र, विस्फोटक, लाठी, डंडा, हॉकी आदि का प्रदर्शन करने और साथ लेकर चलने पर रोक है।
किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय के खिलाफ नारे लिखे हुए बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स, होर्डिंग, झंडे आदि प्रतिबंधित हैं।
उग्र नारेबाजी, सरकारी संपत्ति को नुकसान पर दंडात्मक कार्रवाई होगी।
सोशल मीडिया पर धर्म, संप्रदाय को लेकर भडक़ाऊ टिप्पणी पर रोक लगाई गई है।