जबकि ग्वालियर में कोई बड़ी घटना नहीं हुई। शहर के बाजार शांतिपूर्ण तरीके से बंद रहे। सडक़ों पर आवाजाही मामूली रही। बंद समर्थकों ने नेताओं के घरों पर धिक्कार पत्र चिपकाकर विरोध जताया। शिवपुरी, श्योपुर,मुरैना,दतिया और डबरा में शांति रही। व्यापारियों ने स्वेच्छा से प्रतिष्ठान बंद रखे। वहीं मुरैना के दिमनी में सिंधिया व शिवराज सिंह के पोस्टर फाडऩे पर पुलिस से हल्की बहस की घटना हुई।
ग्वालियर में बंद समर्थकों ने धिक्कार पत्र में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री माया सिंह और मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया नाम लिखकर रानी महल पर चस्पा किया। केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के बंगले पर भी धिक्कार पत्र चिपकाया गया।
राज्यसभा सांसद प्रभात झा के बंगले पर धिक्कार पत्र लगाने गए 2 लोगों को क्राइम ब्रांच ने पकडक़र थाने भेज दिया। इसके विरोध में बंद समर्थक तोमर के बंगले पर धरने पर बैठ गए। पुलिस ने दोनों को छोड़ा तभी वे माने। बंद समर्थकों पर नजर रखने के लिए भारतीय जनता युवा मोर्चा की टोलियां भीं शहर में घूमती रहीं।
बंद समर्थक कहीं कोई हंगामा तो नहीं कर रहे हैं इसके लिए भारतीय जनता युवा मोर्चा की टोलियां भीं 2-2, 3-3 के गुट में शहर में घूमती रहीं। हालांकि कहीं कोई हंगामा नहीं मिला।
सवर्ण व ओबीसी के बंद समर्थक जब टोली के रूप में निकले तो उन्हें दूसरी जाति के लोगों की दुकानें खुली दिखाई दीं। इस पर वे उनकी दुकानों पर पहुंची और हाथ जोडक़र कहा कि आप अपनी दुकान खोलें। अगर कोई आपकी दुकान जबरन बंद कराने आए तो आप हमें बताएं। हम आपकी दुकान बंद नहीं होने देंगे। बंद समर्थकों ने उन्हें अपने मोबाइल नंबर भी दिए। वहीं शहर की सभी सब्जी मंडियां खुली रहीं और हाथ ठेले वाले भी सब्जी और फल बेचते देखे गए उन्हें भी किसी ने नहीं रोका। वहीं मेडिकल स्टोर भी खुले रहे।
मुरैना जिले के दिमनी में सिंधिया व शिवराज सिंह के पोस्टर फाडऩे व रैली निकालने के प्रयास में पुलिस से कुछ लोगों की बहस हुई, लेकिन मामला समझाने से शांत हो गया। धारा 144 लगी रही इसलिए आंदोलनकारी झुंड में नहीं निकल सके, लेकिन दो-तीन की संख्या में दो पहिया वाहनों से लोग शहर में घूमते रहे। शहर में चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात रही और अघोषित कफ्र्यू जैसे हालात रहे। चाय, नाश्ते के अलावा मेडिकल स्टोर तक बंद रहे।