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चंबल का जलस्तर खतरे के पास: 5 गांव कराए खाली, बीएसएफ के जवान किए तैनात

locationग्वालियरPublished: Sep 16, 2019 06:57:02 pm

Submitted by:

Gaurav Sen

bhind district five village faces flood: विदित हो कि रविवार की रात 8 बजे तक चंबल में पानी खतरे के निशान 119.80 मीटर से बढकऱ 125.60 मीटर तक पहुंच गया था। देर रात पानी और भी अधिक बढऩे की संभावना के चलते प्रशासन पूरी तरह अलर्ट हो गया है।

bhind district five village faces flood

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कदोरा (अटेर). चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर के खतरे को ध्यान में रखे हुए प्रशासन ने रविवार को पांच गांव खाली करवाकर ग्रामीणों को राहत शिविर में पहुंचा दिया है। हालांकि कुछ ग्रामीण परिवारों ने प्रशासन की समझाइश के बाद भी गांव नहीं छोड़ा है। उनकी सुरक्षा के लिए होमगार्ड जवानों के अलावा बीएसएफ के जवान भी पहुंच गए हैं।

रविवार सुबह कलेक्टर छोटे सिंह, एसपी रूडोल्फ अल्वारेस, एसडीएम अभिषेक चौरसिया, स्थानीय थाना प्रभारी अनिल रघुवंशी के अलावा अन्य अधिकारियों के अमले ने चंबल के तटवर्ती गांव मुकुटपुरा, नावली वृंदावन, नखलौली की मढ़ैयन, कोषढ़ की मढैय़ा, रमा कोट से अधिकांश ग्रामीणों को रेस्क्यू करवाकर सुरपुरा में दैपुरिया महाविद्यालय भवन में लगाए गए राहत शिविर में पहुंचा है। हालांकि कुछ ग्रामीण ने गांव से जाने से इनकार कर दिया। ऐसे में प्रशासन ने उनकी सुरक्षा के लिए न केवल होमगार्ड कमांडेंट अजय सिंह कश्यप की निगरानी में 50 होमगार्ड सैनिक बल्कि बीएसएफ टेकनपुर ग्वालियर से 40 जवान भी तैनात किए हैं। जो रविवार शाम को अटेर पहुंचे। वहीं झांसी से 20 अतिरिक्त जवान बुलाए गए हैं जो सोमवार की सुबह तक अटेर पहुंचकर राहत कार्य को अंजाम देंगे। विदित हो कि रविवार की रात 8 बजे तक चंबल में पानी खतरे के निशान 119.80 मीटर से बढकऱ 125.60 मीटर तक पहुंच गया था। देर रात पानी और भी अधिक बढऩे की संभावना के चलते प्रशासन पूरी तरह अलर्ट हो गया है।

आईटीआई छात्रावास में ठहरा है बचाव दल
बाढ़ प्रभावित गांव में बचाव कार्य के लिए तैनात आर्मी एवं होमगार्ड के जवानों को अटेर कस्बे के आईटीआई छात्रावास भवन में ठहराया गया है। प्रशासन की ओर से यहां भी पांच जनरेटर रखवाए गए हैं ताकि न केवल रोशनी का पर्याप्त इंतजाम रात में रहे बल्कि मोबाइल चार्ज व अन्य बिजली चलित यंत्र चालू रह सकें।

रूक सकता है चंबल पुल पर आवागमन
डीआईजी गुप्ता सहित कलेक्टर तथा एसपी रात करीब आठ बजे अटेर पहुंचे और उसके बाद उन्होंने नेशनल 92 पर बरही के पास बने स्टेट पुल का निरीक्षण किया। कलेक्टर ने बताया कि यदि चंबल का जलस्तर दो मीटर और बढ़ता है तो चंबल पुल पर आवागमन रोकना पड़ सकता है।

500 को पहुंचाया राहत शिविर
प्रशासन द्वारा रेस्क्यू के जरिए करीब 500 ग्रामीणों को निकलवाकर सुरपुरा के दैपुरिया कॉलेज भवन में लगाए गए राहत शिविर में पहुंचा दिया है। शिविर में ग्रामीणों को प्रशासन की ओर से खाने-पीने के अलावा चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। रोशनी के लिए शिविर स्थल पर पांच जनरेटर लगाए गए हैं।

 

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गांवों को छोडकऱ नहीं जाने वाले ग्रामीणों के लिए रखवाई आधा दर्जन बोट
उल्लेखनीय है कि जो ग्रामीण प्रशासन की समझाइश के बाद भी गांव खाली कर राहत शिविर में नहीं गए हैं उनकी सुरक्षा के लिए आधा दर्जन बोट मंगवाकर रखवा दी गईं हैं। यदि रात में पानी बढ़ता है तो बचाव दल द्वारा रात में ही रेस्क्यू शुरू कर उन्हें सुरक्षित गांव से बाहर लाने का काम किया जाएगा। इतना ही नहीं दतिया से भी एक बोट अतिरिक्त रूप से मंगवाई गई है। कलेक्टर छोटे सिंह सुबह 10 बजे अटेर पहुंच गए थे। दोपहर एक बजे देवालय व मुकुटपुरा गांव में पहुंचे बोट के जरिए जहा उन्होंने ग्रामीणों को गांव खाली करने की समझाइश दी। उनके साथ एसडीएम अभिषेक चौरसिया भी मौजूद रहे। गांवों से वह दोपहर 3 बजे लौटे। कछपुरा में लोग बीमार व नावली वृंदावन में पशुओं के बीमार होने की सूचना पर स्वास्थ्य अमला दोनों ही गांवों में पहुंचाया गया।

50 होमगार्ड जवान और 40 आर्मी के जवान बचाव कार्य के लिए तैनात हैं। प्रशासन पूूरी तरह से अलर्ट है। कुछ ग्रामीणों ने समझाइश के बाद भी गांव नहीं छोड़ा है उन पर नजर है। कुछ परिवार राहत शिविर में पहुंचा दिए गए हैं।

छोटे सिंह, कलेक्टर भिण्ड

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