बताया जा रहा है कि उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ के अवमानना प्रकरण में शर्मा पेशी के दिन मौजूद थे। न्यायालय ने सात दिन में याचिकाकर्ता के स्वत्वों का भुगतान नियमानुसार करने का आदेश दिया। इस आदेश का पालन नहीं होने की स्थिति में 22 जुलाई को प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग नीरज मंडलोई को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिया था।
न सात दिन में भुगतान हुआ न पीएस को अवगत कराया
इस मामले में कार्यपालन यंत्री शर्मा ने न तो सात दिन में भुगतान को लेकर कोई निर्णायक कार्रवाई की और न ही प्रमुख सचिव को न्यायालय के आदेश से अवगत कराया। इस पर न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया। न्यायालयीन आदेश का पालन नहीं हो पाने को शर्मा की लापरवाही मानते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
इस मामले में कार्यपालन यंत्री शर्मा ने न तो सात दिन में भुगतान को लेकर कोई निर्णायक कार्रवाई की और न ही प्रमुख सचिव को न्यायालय के आदेश से अवगत कराया। इस पर न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया। न्यायालयीन आदेश का पालन नहीं हो पाने को शर्मा की लापरवाही मानते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
भारती को थमाया नोटिस, क्यों न वेतनवृद्धि रोक दें
ग्वालियर जोन के मुख्य अभियंता आरएल भारती को भी इस मामले में लापरवाह मानते हुए शोकॉज नोटिस थमाया गया है। इसमें उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उनकी तीन वेतनवृद्धि रोकने का उल्लेख है। इसमें उनसे पूछा गया है कि क्यों न आपकी आगामी तीन वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने की शास्ति से आपको दंडित किया जाए?
ग्वालियर जोन के मुख्य अभियंता आरएल भारती को भी इस मामले में लापरवाह मानते हुए शोकॉज नोटिस थमाया गया है। इसमें उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उनकी तीन वेतनवृद्धि रोकने का उल्लेख है। इसमें उनसे पूछा गया है कि क्यों न आपकी आगामी तीन वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने की शास्ति से आपको दंडित किया जाए?