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भ्रष्टाचार के आरोपी को डिस्चार्ज करने का आवेदन अदालत ने किया खारिज

locationग्वालियरPublished: Oct 19, 2019 07:07:38 pm

भ्रष्टाचार के आरोपी को डिस्चार्ज करने का आवेदन अदालत ने किया खारिज

भ्रष्टाचार के आरोपी को डिस्चार्ज करने का आवेदन अदालत ने किया खारिज

भ्रष्टाचार के आरोपी को डिस्चार्ज करने का आवेदन अदालत ने किया खारिज

ग्वालियर। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाबू प्रमोद गर्ग को रिश्वत मांगे जाने के आरोप से डिस्चार्ज करने के लिए प्रस्तुत आवेदन को न्यायालय ने खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि आरोपी द्वारा आवेदक से उसके द्वारा किए गए निर्माण कार्य के भुगतान के लिए सात हजार रुपए की मांग के संबंध में प्रथम दृष्टया पर्याप्त साक्ष्य होने पर आरोपी के खिलाफ न्यायालय ने आरोप तय किए।
विशेष न्यायालय ने लोकायुक्त पुलिस द्वारा साक्ष्य के रुप में प्रस्तुत सीडी और ट्रांसस्क्रिप्ट को साक्ष्य के लिए स्वीकार करते हुए कहा कि प्रकरण के इस स्तर पर इन्हें अस्वीकार नहीं किया जा सकता है। वहीं लोकायुक्त पुलिस ने न्यायालय के निर्देश पर न्यायालय में ट्रायल प्रोग्राम पेश कर दिया। बाबू प्रमोद गर्ग के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस में सात हजार रुपए की रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की गई
थी। ३१ दिसंबर १४ को प्रारंभिक कार्यवाही के बाद प्रमोद गर्ग पर कार्यवाही के लिए ट्रैप दल रवाना हुआ और प्रमोद गर्ग से मोबाइल पर लगातार बात होती रही, प्रमोद ने बताया कि वह बाहर है और १ जनवरी १५ को आएगा इस पर ट्रैप दल कार्यवाही स्थगित कर वापस आ गया और भ्रष्टज्ञचार निवारण अधिनियम की धारा सात के तहत आरोपी के खिलाफ अभियोग पत्र पेश किया गया। इस मामले में आरोपी द्वारा यह कहते हुए आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत किया गया कि जिस भुगतान के लिए रिश्वत की मांग की जा रही है वह भुगतान तो पहले ही किया जा चुका है। आवेदक का कोई भुगतान लंबित भी नहीं था। इसलिए उसे इस आरोप से उन्मुक्त
किया जाए। विशेष लोक अभियोजक अरविंद श्रीवास्तव का कहना था कि आरोपी का नाम प्रमोद गर्ग न होकर प्रबुद्ध गर्ग है तथा आरोपी को शक हो गया था इसलिए उसने रिश्वत नहीं ली। आवेदक को निर्माण कार्य किए जाने के बाद भुगतान प्राप्त करने की जल्दी थी। इसलिए वह शिक्षा विभाग से संपर्क कर पीडब्ल्यूडी को राशि हस्तांतरित करवाना चाहता था। जल्दी भुगतान के लिए यह रिश्वत मांगी गई थी। आरोपी जिलाशिक्षा अधिकारी के कार्यालय में एडीपीसी के पद पर कार्यरत था, वह निर्माण कार्य एवं भुगतान का कार्य करता था। आवेदक को प्रमोद गर्ग एवं प्रबुद्ध गर्ग मिलता जुलता नाम होने के कारण आवेदक को भ्रम होने के कारण उसने प्रबुद्ध के स्थान पर प्रमोद गर्ग े नाम से शिकायत की थी। आरोपी के खिलाफ पर्याप्त आधार होने से आरोपी का आवेदन खारिज करने का निवेदन किया गया। आवेदक ने एमएलबी कन्या विद्यालय मुरार में तीन कमरों के निर्माण का ६ लाख ८० हजार रुपए का पेमेंट करने के लिए सात हजार रुपए की रिवत मांगी थी।
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