शुरुआत में डीन इंडस्ट्रियल इंटरेक्शन एंड कंसल्टेंसी प्रो डॉ आरके जैन ने कहा कि आज के इस टॉपिक पर होने वाले लेक्चर का सभी को लाभ मिलेगा और सभी की जीवनशैली में अंतर आएगा। एक्सपर्ट डॉ आशीष जैन ने कहा कि आज के तनावपूर्ण माहौल में व्यक्ति को खुश रहने और हंसने की आदत को विकसित करना होगा। एक परीक्षण के आधार पर हर व्यक्ति का आईक्यू लेवल अलग हो सकता है जैसे औसत आईक्यू किसी का 100 प्रतिशत है, तो दूसरे का 68 प्रतिशत है। आज लोग समस्याएं खोजने पर विश्वास ज्यादा रखते हैं, पर वास्तव में समस्या को खोजना नहीं, बल्कि ऐसा उपाय खोजना चाहिए, जिसमें समस्या का जन्म ही न हो यही वास्तव में इमोशनल इंटेलीजेंस है।
आइटीएम के वाइस चांसलर डॉ एसएस भाकर ने प्रारंभिक उद्बोधन में समझाया कि एक व्यक्ति की अपनी और दूसरों की भावनाओं को पहचाने की क्षमता को जो निर्धारित करता है, वही इमोशन कोशंट है। हम दूसरों की भावनाओं को पहचानने में सक्षम होते हैं और अक्सर हम अपने द्वारा दूसरों को एक मजबूत सहानुभूति दे सकते है। हर व्यक्ति मेंं ईश्वर ने एक भावनात्मक ताकत दी है, जिससे वह बड़े से बड़े लक्ष्य को हासिल कर सकता है। जिसके कारण परिणामस्वरूप एक व्यक्ति अच्छा ह्यूमन रिसोर्स बन सकता है। स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की डीन डॉ वंदना भारती ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन असि प्रो अभिषेक सिंघल ने किया।