देशभर में हो रही घटनाओं ने मुझे झकझोर कर रख दिया था। मासूमों और महिलाओं के साथ कुकृत्य के बारे में सुनकर मैंने भी इसके खिलाफ खड़े होने की ठानी और निकल पड़ा बाइक राइडिंग पर, जिसके माध्यम से मैं लोगों से मिलता हूं। उन्हें चाइल्ड प्रोटक्शन, वुमन इम्पॉवरमेंट और रोड शेफ्टी के लिए अवेयर करता हूं। यह कहना है अंश पी का, जो शनिवार को बुलट से ग्वालियर पहुंचे। उन्होंने अपनी यात्रा अपने दोस्त संदीप चौधरी के साथ शुरू की थी, जो आगरा पहुंच चुके हैं। अंश ने बताया कि मैं 2 अक्टूबर 2018 को दिल्ली से निकला था। अभी तक मैंने लगभग 40 हजार किमी दूरी तय कर ली है। मेरी लगभग साढ़े पांच महीने की जर्नी 19 मार्च को दिल्ली पहुंचकर समाप्त होगी।
मिशन पर ढाई लाख का खर्च जॉब से इतनी लंबी छुट्टी नहीं मिल रही थी। इसलिए मैंने जॉब छोड़ दी। इस समय मैं एक प्राइवेट शिक्षक हूं और राइटर भी। इस राइड में लगभग ढाई लाख का खर्च आ रहा है, जो मेरी जॉब की सेविंग है।
हर स्टेट में करते हैं अवेयर अंश अभी तक लगभग सभी स्टेट कवर कर चुके हैं और वहां कॉलेज, स्कूल्स में रुककर वुमन इम्पॉवरमेंट, रोड सेफ्टी पर बात करते हैं। अभी तक उन्होंने 80 से अधिक जगहों पर सेमिनार लिए।
एक दिन में 300 किमी की जर्नी
अंश पी ने बताया कि एक दिन में मैं 300 किमी की जर्नी करता हूं। सुबह 5 बजे बाइक से निकलता हूं और 11 बजे पहुंचकर क्लास लेता हूं, फिर अगले दिन निकल जाता हूं। इस दौरान मेरी स्पीड 60 से 70 किमी/घंटा रहती है। खाने में मैं फ्रूट्स आदि प्रिफर करता हूं।
एक दिन में 300 किमी की जर्नी
अंश पी ने बताया कि एक दिन में मैं 300 किमी की जर्नी करता हूं। सुबह 5 बजे बाइक से निकलता हूं और 11 बजे पहुंचकर क्लास लेता हूं, फिर अगले दिन निकल जाता हूं। इस दौरान मेरी स्पीड 60 से 70 किमी/घंटा रहती है। खाने में मैं फ्रूट्स आदि प्रिफर करता हूं।