एमपी में यहां बिना रिकार्ड के मिलता है पुराना जन्मप्रमाण पत्र
एमपी में यहां बिना रिकार्ड के मिलता है पुराना जन्मप्रमाण पत्र

ग्वालियर। सरकारी कार्यालयों में दलाली प्रथा पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। कार्यालयों के बाहर बैठे एजेंट अधिकारियों के नाम पर खुलेआम रिश्वत मांगकर लोगों के जन्मप्रमाण पत्र से लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र तक बनवा रहे हैं। अहम बात तो यह है कि इन एजेंटों द्वारा पैसों के लालच में हितग्राहियों के बारे में बेरीफिकेशन तक नहीं किया जाता है और सभी प्रकार के दस्तावेज बनवा दिए जाते हैं। इस बात का खुलासा एक्सपोज रिपोर्टर द्वारा चंबल कॉलोनी स्थित जनमित्र केन्द्र पर स्टिंग के दौरान किया। (पत्रिका के पास इसके वीडियो उपलब्ध हैं।
एक्सपोज रिपोर्टर द्वारा जब चंबल कॉलोनी स्थित जनमित्र केन्द्र पर स्टिंग के दौरान दस्तावेजों की प्रक्रिया के संबंध में जानकारी ली गई तो पता चला कि केन्द्र ५ बजे ही बंद हो गया था। लेकिन केन्द्र बंद होने के बावजूद भी कई एजेंट केन्द्र के बाहर कुर्सियां डालकर बैठे थे। जिनके खुलेआम रिश्वत मांगकर लोगों के काम कराए जा रहे थे।
इस संबंध में रिपोर्टर द्वारा जब एक एजेंट से कहा गया कि उसे अपने बेटे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाना है तो वहां मौजूद एजेंट ने बेबाक तरीके से कहा कि पैसा खर्च करो आपके बेटे का क्या हम तो आपका का भी जन्मप्रमाण पत्र बनवा देंगे। एजेंटों ने यहां तक कह दिया कि अलग अधिकारियों के चक्कर में पड़ोगे तो कई दिनों तक परेशान होते रहोगे, इसलिए ही तो उन्होंने हमें यहां बैठा दिया है हमें भी उन्हें पैसा देना पड़ता है, तब जाकर ही लोगों के काम करा पाते हैं।
फॉर्म भरने तक के लेते हैं पैसे
जनमित्र केन्द्र पर कई ऐसे हितग्राही आते हैं, जो अनपढ़ होने के कारण फॉर्म तक नहीं भर पाते हैं। ऐसे में केन्द्र में बैठे कर्मचारियों द्वारा भी उनकी कोई मदद नहीं की जाती है। जिसका ही फायदा एजेंटों द्वारा उठाया जाता है। सबसे ज्यादा फॉर्म गरीबी रेखा के राशन कार्ड बनवाने और जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र के भरे जा रहे हैं, जिन्हें भरे जाने के एवज में एजेंटों द्वारा लोगों से ५० से १०० रुपए तक लिए जा रहे हैं।
एजेंट गिरजेश से बातचीत
रिपोर्टर- वेरीफिकेशन के लिए जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यक्ता है बन जाएगा क्या?
एजेंट- हां बन जाएगा, कितने साल पुराना है और जन्म कहां हुआ था।
रिपोर्टर- ३१ साल पुराना जन्म है और नाकाचंद्रबनी पर घर में हुआ था?
एजेंट- इसमें तो बहुत खर्चा आएगा क्योंकि पूरे कागज तैयार करने पड़ेगे, जिसमें समय भी तो लगेगा।
रिपोर्टर- कितना खर्चा आएगा और कितना समय लग जाएगा?
एजेंट- इसके लिए १५०० रुपए हमारे, ४०० रुपए फीस के और १००० रुपए अधिकारी के देने होंगे। हम तो ७ दिन में बनवाकर दे देेंगे अगर जनमित्र केन्द्र से बनवाओगे तो महीनों तक परेशान होना पड़ेगा।
रिपोर्टर- आप जो जन्म प्रमाण पत्र बनवाओगे वह मान्य तो होगा न?
एजेंट- कैसे बात करते हो यह तो हमारा रोज का काम है, अधिकारियों को पैसे देने पड़ते हैं तब जाकर ही तो हम असली दस्तावेज बनवा पाते हैं।
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