भरोसे के कारोबार से धोखाधड़ी तक…
बिचौलिया दिलाता है मुनाफा – बाजार में हुंडी का कारोबार बहुत पुराना है। आमतौर पर बिचौलियों के जरिए बाजार में रकम लगाना पसंद करते हैं। इसमें व्यापारी अपने पास रखी रकम को बाजार में लगाने की इच्छा जताता है। बिचौलिया बाजार के जरूरतमंद को रकम निर्धारित ब्याज पर देता है। इस तरफ मुनाफा मिलता रहता है।
आप भी जानिए यह Black money क्यों है
आय का स्रोत छुपाते हैं – बड़े व्यापारी जो कमाते हैं उसपर income tax नहीं चुकाते। अपनी Income source कम बताकर बड़ी रकम को अलग रख देते हैं। अमूमन यही रकम हुंडी पर अन्य कारोबारियों को ब्याज पर दी जाती है। इस रकम पर लेनदेन करने वाले दोनों पक्षों के साथ बिचौलिया अपना कमीशन तय करता है।
इन Markets में हुंडी का कारोबार ज्यादा
लश्कर सराफा, दाल बाजार, नया बाजार, लोहिया बाजार, मुरार और उपनगर ग्वालियर सराफा बाजार में बडे स्तर पर हुंडी पर पैसा लगाने का चलन है। इसके अलावा टोपी बाजार, सुभाष मार्केट, नजरबाग मार्केट, छत्री मंडी गल्ला बाजार सहित शहर के दूसरे बाजारों में छोटे कारोबारी भी हुुंडी पर पैसा लगाते हैं।
आयकर के दायरे में नहीं आना चाहते हैं…
बड़े सवाल…