शादी के पहले कराएं चेकअप
डॉ. भूरानी ने बताया कि यदि एक ही परिवार में बहन को थैलेसीमिया है और वह बोन मेरो ट्रांसप्लांट की सोच रही है, तो उसके भाई का एचएलए हॉफ मिलने पर भी ट्रांसप्लांट हो जाएगा। यह सब संभव हो सका है मेडिसिन के इम्प्रूवमेंट से। उन्होंने बताया कि थैलेसीमिया के पेशेंट में निरंतर वृद्धि हो रही है। इसके लिए जरूरी है कि शादी के पहले पति और पत्नी दोनों का चेकअप किया जाए।
कैंसर से दूसरी ओवरी को अब बचाना संभव
दिल्ली से आए डॉ. रणदीप ने बताया कि ओवरी कैंसर में एक रिसर्च में यह सामने आया है कि अब यदि किसी एक ओवरी में कैंसर है, तो हम दूसरी ओवरी को एडवांस स्टेज में बचा सकते हैं। यानि एक यंग वुमन बच्चे को जन्म दे सकती है। जबकि पहले कैंसर होने पर दोनों ओवरी को बचाना मुश्किल होता था। कैंसर का कारण हमारी बिगड़ी लाइफस्टाइल है, जिस पर हमें ध्यान देना होगा।
अपने स्वास्थ्य के लिए निकालें समय
मप्र में आर्ट ऑफ लिविंग की पहली महिला चिकित्सक मृणाल गोरे ने बताया कि आज तनाव हर एक के पास है। फिर चाहे वह स्टूडेंट्स हों या सर्विसमैन या फिर हाउसवाइफ ही क्यों न हो। इसका सबसे अच्छा उपाय प्राणायाम है। इसके माध्यम से आप रिलैक्स फील करते हैं। खासतौर से महिलाएं घर के काम और बच्चों की परवरिश के आगे अपने बारे में नहीं सोच पातीं। इसके लिए जरूरी है कि वे प्राणायाम करें।
विभिन्न विषयों पर डिस्कशन
कॉन्फ्रेंस में विभिन्न विषयों पर चिकित्सकों ने अपना-अपना व्याख्यान दिया, जिसमें दिल्ली से डॉ राजू वैश्य हड्डी रोग से जुड़े सभी पहलूओं की जानकारी दी और उसके इलाज के बारे में जागरूक किया। जबलपुर से आए डॉ जीतेन्द्र भार्गव ने अपने प्लूमोनोलॉजी विषय पर अपना उद्बोधन दिया। अंतिम सत्र में डॉ रत्ना कौल ने मेडिकोलीगल पर अपना उद्बोधन दिया और कहा कि आजकल हॉस्पिटल में मेडिकोलीगल लागू होना बहुत जरूरी है।