scriptBrother is not responsible for taking care of sister and her children | बहन व उसके बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी भाई की नहीं है: कोर्ट | Patrika News

बहन व उसके बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी भाई की नहीं है: कोर्ट

locationग्वालियरPublished: Nov 04, 2023 11:46:52 am

Submitted by:

Balbir Rawat

हाईकोर्ट ने पत्नी व बच्ची के भरण पोषण की राशि को कम करने से किया इनकार, पत्नी को जो भरण पोषण की राशि मिल रही है, 25 फीसदी से अधिक नहीं है। बेटी को जो रुपया मिल रहा है, वह भी कम है। क्योंकि पढाई सहित अन्य खर्चे भी बढ़ रहे हैं।

बहन व उसके बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी भाई की नहीं है: कोर्ट
बहन व उसके बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी भाई की नहीं है: कोर्ट
हाईकोर्ट की एकल पीठ भरण पोषण राशि करने के लिए दायर याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि बहन व उसके बच्चे की देखभाल की जिम्मेदारी भाई की नहीं है। रहा बीमार मां का सवाल, भरण पोषण की राशि कटने के बाद याचिकाकर्ता के पास पर्याप्त राशि बचती है। जिससे खुद व मां का खर्च उठा सकता है। कहीं भी इस तथ्य का खंडन नहीं किया की कि बीएसएफ उसकी मां की बीमारी की जिम्मेदारी नहीं उठा रही है।
दरअसल संतोष चौरसिया व उसकी पत्नी के बीच विवाद हो गया। पत्नी का आरोप था कि वह मारपीट करता है। इसके चलते घर छोड़ा है। पति का घर छोड़ पिता के घर रहने लगी। उसके बाद कुटुंब न्यायालय में अपने व बच्ची के भरण पोषण के लिए आवेदन दायर किया। कुटुंब न्यायालय ने 10 हजार रुपए पत्नी व 10 हजार रुपए बेटी को भरण पोषण के रूप में दिए। यह राशि संतोष की वेतन से कट जाती है। कुटुंब न्यायालय ने 12 दिसंबर 2022 को भरण पोषण का आदेश दिया था। इस आदेश को संतोष ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। उसकी ओर से तर्क दिया कि वह बीएसएफ में कार्यरत है। पश्चिम बंगाल में उसकी ड्यूटी है। उसकी मां बीमा रहती है। बीमार मां की देखभाल के लिए उसकी बहन अपने बच्चों के साथ घर पर रह रही है। उसे बहन, उसके बच्चे व मां का खर्च उठाना पड़ता है, जिसकी वजह से उसके पास खर्च के लिए पर्याप्त रुपए नहीं बचते हैं। इसलिए पत्नी व बेटी का भरण पोषण राशि कम की जाए। पत्नी ने इस याचिका का विरोध किया। कोर्ट ने तथ्यों को देखने के बाद कहा कि कानून रूप से बहन व उसके बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी भाई की नहीं है।
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