शहर में करीब तीन हजार गाय सडक़ों पर घूम रही हैं। लाल टिपारा गोशाला में 7500 से अधिक गाय हैं। पिछले दस महीने में नगर निगम द्वारा 2200 गाय पकड़ी गई हैं, जो गोला का मंदिर स्थित माक्र्स हॉस्पिटल में बनी गोशाला में रखवाई गईं है। इस तरह 9 हजार से अधिक गायों के भरण पोषण पर हर साल नगर निगम द्वारा 10 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाते हैं।
शहर में आवारा गाय, सांड और कु त्तों के हिंसक होने से कई लोग घायल हो चुके हैं। इनसे बचाव के लिए लोगों द्वारा मदाखलत टीम को हर रोज 40 से 50 फोन किए जाते हैं। गायों को पकडऩे के लिए तीन ट्रॉला, घायलों के उपचार के लिए एक एंबुलेंस और दो कुत्ता गाड़ी रोज चलती हैं। 30 से 40 गाय, एंबुलेंस द्वारा 4-5 घायल जानवर एवं 15 से 20 कुत्ते रोज पकड़े जा रहे हैं।
सांड पकडऩे के लिए अभियान चलाया जा रहा है। छह दिन में 150 सांड पकडकऱ बरई के जंगल में छोड़े गए हैं। गोशाला में गोवंश की संख्या ज्यादा है, इसलिए जंगल में छोडऩे का निर्णय लिया गया है।
सत्यपाल सिंह चौहान, उपायुक्त, नगर निगम