scriptकुछ दिन बाद नहीं दिखेंगे शहर की सडक़ों पर घूम रहे सांड | bulls roaming the streets of the city will not be seen after a few day | Patrika News

कुछ दिन बाद नहीं दिखेंगे शहर की सडक़ों पर घूम रहे सांड

locationग्वालियरPublished: Oct 10, 2019 06:53:02 pm

Submitted by:

Rahul rai

शहर में मुख्य सडक़ों से लेकर कॉलोनी- मोहल्लों में सांडों का आतंक है। पिछले दिनों गोवंश के व्यवस्थापन के लिए हुई बैठक में कलेक्टर ने शहर की सडक़ों पर घूम रहे 500 सांडों को जंगल में भेजने के निर्देश दिए थे। इस पर नगर निगम मदाखलत अधिकारियों द्वारा सांडों को पकडऩे के लिए अभियान चलाया जा रहा है।

कुछ दिन बाद नहीं दिखेंगे शहर की सडक़ों पर घूम रहे सांड

कुछ दिन बाद नहीं दिखेंगे शहर की सडक़ों पर घूम रहे सांड

ग्वालियर। शहर में ट्रैफिक में बाधक बन रहे 150 सांडों को पकडकऱ बरई के पास के जंगलों में छोड़ा गया है। इसके लिए नगर निगम के मदाखलत अमले द्वारा छह दिन से अभियान चलाया जा रहा है। इसके बाद भी बड़ी संख्या में सांड शहर की सडक़ों पर दिखाई दे रहे हैं।
शहर में मुख्य सडक़ों से लेकर कॉलोनी- मोहल्लों में सांडों का आतंक है। पिछले दिनों गोवंश के व्यवस्थापन के लिए हुई बैठक में कलेक्टर ने शहर की सडक़ों पर घूम रहे 500 सांडों को जंगल में भेजने के निर्देश दिए थे। इस पर नगर निगम मदाखलत अधिकारियों द्वारा सांडों को पकडऩे के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इन सांडों को उस क्षेत्र में भेजा जा रहा है जहां बीते दिनों नगर निगम और प्रशासन द्वारा गो अभयारण्य बनाने के लिए निरीक्षण किया गया था।
नौ हजार से अधिक गायों पर 10 करोड़ का खर्च
शहर में करीब तीन हजार गाय सडक़ों पर घूम रही हैं। लाल टिपारा गोशाला में 7500 से अधिक गाय हैं। पिछले दस महीने में नगर निगम द्वारा 2200 गाय पकड़ी गई हैं, जो गोला का मंदिर स्थित माक्र्स हॉस्पिटल में बनी गोशाला में रखवाई गईं है। इस तरह 9 हजार से अधिक गायों के भरण पोषण पर हर साल नगर निगम द्वारा 10 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए जाते हैं।
हिंसक जानवर कर चुके लोगों पर हमला
शहर में आवारा गाय, सांड और कु त्तों के हिंसक होने से कई लोग घायल हो चुके हैं। इनसे बचाव के लिए लोगों द्वारा मदाखलत टीम को हर रोज 40 से 50 फोन किए जाते हैं। गायों को पकडऩे के लिए तीन ट्रॉला, घायलों के उपचार के लिए एक एंबुलेंस और दो कुत्ता गाड़ी रोज चलती हैं। 30 से 40 गाय, एंबुलेंस द्वारा 4-5 घायल जानवर एवं 15 से 20 कुत्ते रोज पकड़े जा रहे हैं।

सांड पकडऩे के लिए अभियान चलाया जा रहा है। छह दिन में 150 सांड पकडकऱ बरई के जंगल में छोड़े गए हैं। गोशाला में गोवंश की संख्या ज्यादा है, इसलिए जंगल में छोडऩे का निर्णय लिया गया है।
सत्यपाल सिंह चौहान, उपायुक्त, नगर निगम
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