scriptBUSINESS WOMEN’s DAY: कड़े संघर्ष के बाद शुरू किया खुद का बिजनेस,  शुरू किया शहर का पहला फ्रू ट कैफे बार | BUSINESS WOMEN's DAY 2018 | Patrika News

BUSINESS WOMEN’s DAY: कड़े संघर्ष के बाद शुरू किया खुद का बिजनेस,  शुरू किया शहर का पहला फ्रू ट कैफे बार

locationग्वालियरPublished: Sep 22, 2018 04:26:21 pm

Submitted by:

Gaurav Sen

BUSSINESS WOMEN’s DAY: कड़े संघर्ष के बाद शुरू किया खुद का बिजनेस, शुरू किया शहर का पहला फ्रू ट कैफे बार

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BUSINESS WOMEN’s DAY: कड़े संघर्ष के बाद शुरू किया खुद का बिजनेस,  शुरू किया शहर का पहला फ्रू ट कैफे बार

बेटियां आज किसी से पीछे नहीं हैं। हर फील्ड में अपना लोहा मनवाने के साथ उन्होंने बिजनेस में भी अच्छी पकड़ बनाई है। शुरुआत में थोड़ा संघर्ष करना पड़ा। थोड़ा विरोध भी सहना पड़ा। लोगों ने मजाक भी उड़ाया, लेकिन आज उनकी अच्छी पोजिशन देखकर समाज उन्हें आइडल मान चुका है। शहर में ऐसी एक या दो बेटियां नहीं बल्कि कई चेहरे हैं, जिन्होंने रिश्क लिया, इन्वेस्ट किया और आज अच्छे मुकाम पर हैं। आज बिजनेस वुमंस डे है। हम आपको शहर के कुछ ऐसे ही फेस से परिचित करा रहे हैं।

रेयर फ्रूट्स की डिफरेंट वैरायटी

मेरे पैरेंट्स (नरेश शर्मा और ऊषा शर्मा) की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। तब मैंने बचपन से ही डांस क्लास की शुरुआत कर दी। इसके बाद मॉडलिंग की। मुंबई जाकर कई शो भी किए। सीरियल में भी आई। मुंबई में रहने के दौरान मैंने देखा कि यंगस्टर्स में फ्रूट कैफे बार बहुत क्रेज था, जो ग्वालियर में नहीं था। इसीलिए ग्वालियर आकर मैंने फ्रूट कैफे बार की शुरुआत की, जो शहर का पहला है। कैफे में रेयर फ्रूट्स की वैरायटी अवेलेबल है। मैं और हिमांशु भल्ला मिलकर इस कैफे को देखते हैं।

3 साल में टर्नओवर हुआ 5 करोड़

बात वर्ष 2012 की है, जब मेरे हस्बेंड का एक्सीडेंट हुआ। डॉक्टर ने उन्हें बेड रेस्ट के लिए बोल दिया। उस दौरान हमें मेडिकल भी बंद करना पड़ा। उस समय लोग वैक्सीन के लिए बहुत परेशान थे। मैंने वैक्सीन फर्म खोलने का निर्णय लिया। तब मुझे 1999 से चल रही एक फर्म के बारे में मालूम चला और मैंने उसे टेकओवर कर लिया। सबसे पहले जगह चेंज की। वैक्सीन के लिए कोल्ड रूम बनवाया और पॉवर बैकअप मजबूत किया, जिसके बेस पर हम सक्सेस हुए। आज चंबल संभाग में वैक्सीन जाती है। हमारी इंदौर में भी ब्रांच है। तीन साल में टर्नोवर 5 करोड़ तक पहुंच गया।

निशा शर्मा, बिजनेस गर्ल

यूके, यूएस तक फैलाया बिजनेस

मेरे हसबैंड की आइटी कम्पनी है। मैं हमेशा उन्हें काम में बिजी देखती थी। तब मैंने भी सोचा कि क्यों न मैं भी बिजनेस करूं। तब मैंने शहर एवं बाहर एग्जीबिशन की शुरुआत की, जिसमें हैंडलूम प्रोडक्ट्स और डेकोरेट आयटम्स रखे। रिस्पांस बहुत अच्छा मिला। तब मैंने ऑनलाइन बिजनेस शुरू किया। आज मेरी खुद की कम्पनी है और मेरा इंडिया के अलावा यूके, यूएस, दुबई सहित कई कंट्री में माल जाता है। मेरा साल का टर्नोवर एक करोड़ रुपए है। मेरा बिजनेस फेसबुक और इंस्ट्राग्राम से होता है।

स्वीटी अग्रवाल, बिजनेस वुमन

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