पुलिस ने बताया दाल बाजार में राजकुमार गुप्ता की फर्म सागर कंसायनी प्राइवेट लिमिटेड और घर भी है। उन्होंने कुछ समय पहले रुड़की की बाउण्टीफुट फूड्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से कारोबारी अनुबंध किया था। दरअरुड़की की कंपनी चाहती थी कि वह उसके आचार, जैम सॉस और विनेगर को एमपी में बेचें, इसलिए कंपनी ने उन्हें सीएंडएफ एजेंट बनाया। कारोबारी नियम के हिसाब से गुप्ता ने कंपनी के खाते में सिक्योरिटी बतोर 4 लाख रुपए भी जमा कराया। खाते में पैसा आने पर कंपनी ने उन्हें अपने प्रोडेक्ट की खेप भेजी। उसकी कीमत का भुगतान भी कंपनी ने ले लिया।
घटिया निकला सामान
राजकुमार गुप्ता ने पुलिस को बताया कंपनी से माल आने पर उसे चैक किया तो वह खराब निकला। इस बारे में कंपनी की संचालक निधि मित्रा, अवध कुमार, निलाजन मित्रा समेत विनोद कुमार को भी बताया। इन लोगों ने भरोसा दिलाया कि माल को बदल कर ताजा सामान भेजा जाएगा, लेकिन इस पर अमल नहीं किया। कई बार कहने के बाद भी न तो घटिया सामान वापस लिया न पैसा लौटाया। कंपनी को सामान और सिक्योरिटी की रकम सहित करीब 7 लाख 97 हजार दे चुके हैं।
दूसरा एजेंट बनाकर धोखा किया
गुप्ता के मुताबिक कंपनी ने एक और एजेंट बनाकर उनके साथ फिर धोखा किया। नियम के मुताबिक कंपनी ने उन्हें पूरे प्रदेश में सामान बेचने का जिम्मा दिया था। उसके बावजूद भोपाल के कारोबारी को एजेंट बना दिया। सीएसपी आत्माराम शर्मा ने बताया आरोपी कंपनी संचालकों पर ठगी का केस दर्ज किया।