बस स्टैंड से टैक्सी चलाने वालों ने पुलिस को बताया कि बदमाश काफी देर तक स्टैंड पर मौजूद रहे थे। इस दौरान कई टैक्सी चालकों से बात की। लगभग सभी टैक्सी चालकों ने उनसे 2500 रुपए किराया मांगा था। एक टैक्सी चालक से किराए की रकम को लेकर उनकी कहासुनी भी हुई थी, क्योंकि उसकी कार को उन्होंने डिब्बा बता दिया, इससे कार ड्राइवर तैश में आ गया था, उसने बदमाशों से कहा कि अब पूरा किराया भी दोगे तो उन्हें नहीं ले जाएगा, तब गौरव किराए में तीन 300 रुपए कम बताकर बदमाशों को करैरा ले जाने के लिए राजी हो गया था।
बदमाशों ने 23 मई को गौरव की कार करैरा जाने के लिए 2200 रुपए में बुक की थी। हत्यारों का टारगेट होने से पहले उसने आखिरी बार दतिया पहुंचकर मोबाइल पर पत्नी से बात की थी, कहा था कि रात करीब 12 बजे घर लौट आएगा, लेकिन सुबह तक नहीं लौटा। उसका मोबाइल फोन लगातार स्विच ऑफ रहा, तो परिजन को शंका हुई, उन्होंने पुलिस को बताया कि गौरव कभी मोबाइल बंद नहीं करता था। सवारी लेकर जाने के बाद हमेशा पत्नी को बताता था कि कब तक वापसी होगी, उस वक्त तक घर लौटता था।
हत्यारों का रूट ट्रेस करने के लिए पुलिस ने करैरा तक टोल टैक्स और रास्तों पर लगे कैमरों के फुटेज खंगाले हैं, इनमें डबरा, दतिया, गोराघाट सहित सीतापुर तक गौरव की कार एमपी 07 सीसी 8712 तेज स्पीड में जाती दिखी है, लेकिन कार में बैठे लोगों के चेहरे साफ नहीं दिखाई दिए हैं।
गौरव का शव करैरा में जिस तालाब में मिला है वहां आसपास के गांव के कई लोग मछलियां पकडऩे आते हैं। गांव वालों को शव घटना के कुछ घंटे बाद ही मिल गया था, लेकिन लोग चुप्पी साधे रहे। दूसरे दिन सरपंच को सूचना मिली तो उन्होंने पुलिस को बताया था। 24 घंटे तक पानी में पड़े रहने की वजह से शव फूल गया था। उसे बाहर निकाल कर पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने दफन कराया था।