राठौर चौक पर रवींद्र पर कार्रवाई होती देखकर उससे इलाज कराने वाले पैरवी में उतर आए। वहां भीड़ लग गई। लोगों ने उसे बचाने के लिए तमाम दलीलें दीं। कहना था कि डॉक्टर भले झोलाछाप है, लेकिन उसकी दवा काम आती है। सिर्फ 10 रु में इलाज कर देता है। पैसा नहीं है तो भी जरूरतमंद को नहीं लौटाता उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करने देंगे। शीर्ष अधिकारियों के निर्देश पर कार्रवाई हुई थी, इसलिए टीम खाली हाथ नहीं लौट सकती थी। इसलिए लोगों को समझायाय। तब लोगों ने कहा कि हम इलाज कराते हैं हमें शिकायत नहीं है तो पुलिस क्यों पकड रही है? लोगों ने तो यहां तक कह दिया कि मोहल्ले में वोटिंग करा लो, अगर उससे झोलाछाप डॉक्टर पर लोगों का भरोसा पता चल जाएगा। फिर उन्हें समझाया कि जिस तरह रवींद्र इलाज कर रहा है इससे उन्हें और परिवार को ही खतरा है। उसे गैर कानूनी धंधा नहीं करने दिया जा सकता।
इन धाराओं में केस दर्ज
आरोपी पर धारा 420, मप्र गुप्तचर गृह एवं उपचार संबंधी संस्थापनाएं अधिनियम की धारा 3.8 क11 एवं 24 मप्र आयुविज्ञान परिषद अधिनियम 1987 के तहत केस दर्ज किया गया।