scriptकेस डायरी… अमीर बनने सीरियल किलर बना, 21 हत्याओं के बाद पहचान पाई पुलिस | Case diary ... Amir turned serial killer, police identified after | Patrika News

केस डायरी… अमीर बनने सीरियल किलर बना, 21 हत्याओं के बाद पहचान पाई पुलिस

locationग्वालियरPublished: Jan 12, 2021 06:14:40 pm

6 जुलाई 2011 की शाम एक मैसेज ने पुलिस को हिलाकर रख दिया। हरिशंकरपुरम से किसी राहगीर ने पुलिस कंट््रोल रूम को मैसेज दिया कि कॉलोनी में हॉस्टल के पास पुलिसकर्मी खून से लथपथ पड़ा…

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केस डायरी… अमीर बनने सीरियल किलर बना, 21 हत्याओं के बाद पहचान पाई पुलिस

6 जुलाई 2011 की शाम एक मैसेज ने पुलिस को हिलाकर रख दिया। हरिशंकरपुरम से किसी राहगीर ने पुलिस कंट्रोल रूम को मैसेज दिया कि कॉलोनी में हॉस्टल के पास पुलिसकर्मी खून से लथपथ पड़ा है। तत्कालीन एसपी मकरंद देउस्कर बताते हैं शिवकांत हाईकोर्ट की सुरक्षा डयूटी में थे। शूटर ने उनके सिर में गोली मारकर 9 एमएम की पिस्टल लूटी थी। पुलिस के लिए वारदात चैंलेंज थी। हत्यारे की तलाश एक बड़ी टॉस्क थी। इसके लिए झांसी रोड सीएसपी प्रणय नागवंशी, सीएसपी नीरज पांडेय की अगुवाई में टीम गठित कर क्राइम ब्रांच को शूटर की तलाश में लगाया था।
सुराग मिले, गोली मारने वाला दूर रहा
आरक्षक शिवकांत की हालत में सुधार हो चुका था, उन्होंने बताया घटना के डयूटी से लौट रहे थे। टेंपो के इंतजार में विश्वविद्यालय गेट के पास खड़े थे। उस दौरान शूटर बाइक से निकला। उसे छात्र समझ लिफ्ट मांगी। हरिशंकरपुरम तक वह बातें करता हुआ आया फिर वह सरकारी हॉस्टल के पास बाइक रोककर बोला आप रुको मैं आता हूं, दो मिनट बाद आकर गोली मार दी। यह कहानी शूटर की तलाश में कोई मदद नहीं कर पाई। हालांकि कुछ इनपुट मिले उनसे पुलिस शूटर के ठिकाने से करीब 300 मीटर की दूरी तक तो पहुंच गई लेकिन आगे नहीं बढ़ पाई।

उस खबर से राहत
तत्कालीन एसपी बताते हैं कि 25 जुलाई 2011 की दोपहर सतना पुलिस के एक फोन ने तनाव दूर कर दिया। आरक्षक की हत्या की कोशिश करने वाला शूटर सरमन को वहां पब्लिक ने दबोच लिया। सतना के मुखतयार गंज में सुबह सराफा व्यवसायी रामदत्त सोनी व पत्नी शोभा दुकान पर थे तब शूटर सरमन और साथी राजकिशोर ने शॉप लूटने पहुंचा। पति को बचाने शोभा सोनी की मौत हो गयी। फायरिंग देख कर पंचर जोडऩे वाले रफीक खां ने लीवर सरमन को मारा। यह देख राजकिशोर भाग गया रफीक की हिममत देख बाजार में अन्य लोगों की मदद से सरमन को दबोच लिया।
21 हत्याओं का खुलासा, पुलिस का केस स्टडी कोर्स
पुलिस नौसिखिया बदमाश समझ रही थी वह शूटर सीरियल किलर निकला। शुरूआती पूछताछ में उसने करीब 20-21 हत्याओं का खुलासा किया। इनमें इंदौर में डॉक्टर दंपति, कारोबारी सहित चार हत्याएं और ग्वालियर में रत्न कारोबारी राजेंद्र साहू, प्रभात अग्रवाल, राकेश जैन, नीरज गुप्ता, विजय जैन सहित कई व्यवसायियों की हत्याएं और आरक्षक शिवकांत की हत्या की कोशिश की वारदात शामिल थी। इस खुलासे पर डीएसपी क्राइम नीरज पांडेय को सतना रवाना किया।

जेल ब्रेक की कोशिश नाकाम
सीरियल किलर को कोर्ट ने आजीवन कारवास की सजा सुनाई है। उसने ग्वालियर की सेंट्रल जेल की दीवार फांदने की कोशिश की लेकिन 25 फीट उंची जेल की दीवार को फांद नहीं पाया। अब सनकी हत्यारा भोपाल जेल में बंद है।
यह खुलासे किए, राजदार पकड़े
ट्रांजिट रिमांड पर सीरियल किलर को ग्वालियर लाया गया तब उसे देखने के लिए पुलिसकर्मियों में भी होड़ लग गई। हत्यारे ने खुलासे किए तीन साल में ग्वालियर से लेकर जबलपुर, इंदौर और प्रदेशभर में 18 लोगों की हत्या और लूट की वारदात कर चुका है। उसका टारगेट प्रदेश के बड़े सराफा कारोबारी रहे हैं। उसका मकसद अमीर बनना है। वह सतना से इंजीनियर बनने निकला था लेकिन पैसा कमाने की चाह में अपराध का रास्ता चुना। उसने खुलासा किया वह सभी अपराध अकेले ही करता था। पहली बार उसने राजकिशोर उसके भाई वेदप्रकाश और दीपक चौरसिया को साथ लिया तो पकड़ा गया। बीस फर्जी पैन कार्ड, 15 ड्राइविंग लाइसेंस और 25 सेलफोन और 9 रिवाल्वर, पिस्टल मिलीं।
देउस्कर के मुताबिक सरमन का एक साथी दीपक ग्वालियर में कई सर्राफा व्यवसायियों के यहां काम कर चुका था, इसलिए उसे उनसे संबंधित कई बातें मालूम थी वेदप्रकाश और राजकिशोर तंत्र-मंत्र की आड़ में लूट का माल ठिकाने लगाते थे। सराफा कारोबारियों की हत्या कर काफी सोना और पैसा लूटा है। सारा पैसा गहना लेकर उसकी पत्नी मोनिका अंडरग्राउंड हो गई। उसका 9 साल बाद भी पुलिस पता नहीं लगा सकी।
केस स्टडी बना
तत्कालीन डीजीपी एस के राउत ने तो घोषणा तक की थी सीरियल किलर के सिलसिलेवार अपराध और पुलिस की पकड से किलर कैसे बाहर रहा।उसके अपराध के तरीके को पुलिस कोर्स में केस स्टडी में शामिल किया जाएगा।

लगातार चुनौती देता रहा
तत्कालीन एसपी देउस्कर बताते हैं शूटर सरमन बड़ी था। क्योंकि ग्वालियर में एसपी पद संभालने से पहले जब वह इंदौर एसपी थे तब इसी सीरियल किलर ने चार हत्याएं कर पुलिस की नींद ***** की थी। उसमें सभी वारदातों में इस्तेमाल गोलियां के पेंदे की जांच से पुलिस वहां तक पहुंच गई थी सभी हत्याओं का आरोपी एक है। लेकिन उसे दबोचते उससे पहले उनका तबादला ग्वालियर हो गया। यहां एसपी की कुर्सी संभाली तो शूटर ने भी ग्वालियर को टागरेट कर यहां वारदातें की।
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