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मारपीट के तीन साल बाद महिला एसआई व दो आरक्षकों पर मामला दर्ज,यहां समझे पूरा मामला

locationग्वालियरPublished: Aug 07, 2018 04:00:36 pm

Submitted by:

monu sahu

मारपीट के तीन साल बाद महिला एसआई व दो आरक्षकों पर मामला दर्ज,यहां समझे पूरा मामला

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मारपीट के तीन साल बाद महिला एसआई व दो आरक्षकों पर मामला दर्ज,यहां समझे पूरा मामला

ग्वालियर। तीन साल पूर्व फिजिकल थाने की तत्कालीन प्रभारी व शिवपुरी न्यायालय में पदस्थ स्टेनोग्राफर के बीच हेलमेट चालान को लेकर हुए विवाद में सोमवार को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट नमिता बोरासी ने महिला उपनिरीक्षक व दो आरक्षकों पर मारपीट का प्रकरण संज्ञान में ले लिया है। बताया जाता है कि घटना के दौरान पुलिस ने स्टेनोग्राफर के खिलाफ तो तुरंत शासकीय कार्य में बाधा का प्रकरण दर्ज कर लिया था, लेकिन स्टेनोग्राफर के मामले में कोई सुनवाई नहीं की थी। इसके बाद पीडि़ता ने अपने अधिवक्ता संजीव बिलगैंया के माध्यम से कोर्ट में परिवाद पत्र दायर किया था, जिस पर कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करवा दी।
अभियोजन के मुताबिक वर्तमान में ग्वालियर कोर्ट में पदस्थ स्टेनोग्राफर उमा पुत्री रामदीन नायक निवासी शिवपुरी ने न्यायालय में तीन साल पूर्व कोर्ट में परिवाद पत्र दायर किया था कि वह वर्ष २०१५ में रतलाम कोर्ट में पदस्थ थी,उसी दौरान वह १२ जुलाई २०१५ को अपने परिजन से मिलने शिवपुरी आई थी। उसी दिन शाम 6 बजे अपनी छोटी बहन के साथ स्कूटी से जा रही थी, तभी शहर के फिजिकल थाना अंतर्गत दो बत्ती चौराहे पर तत्कालीन फिजिकल चौकी प्रभारी महिला उपनिरीक्षक कोमल सिंह परिहार तथा आरक्षक पुलिस भोला सिंह राजावत व केशव तिवारी ने फरियादिया के वाहन को रोका और स्कूटी की चाबी निकाल ली।
जब फरियादिया ने चाबी निकालने पर विरोध किया तो कोमल परिहार उत्तेजित हो गई और गाली-गलौच करते हुए उमा नायक के साथ मारपीट कर दी। घटना के बाद पुलिस ने उमा के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का प्रकरण दर्ज कर लिया था,लेकिन उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में जब परिवाद पत्र दायर किया तो फरियादिया की ओर से अपने परिवाद के समर्थन में 5 साक्षियों के कथन भी लेखबद्ध कराए। साथ ही डॉ. सुनील सिंह ने भी उमा नायक के शरीर पर चोट होना पाया था। इस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने उपनिरीक्षक कोमल पुत्री लाखन सिंह परिहार, आरक्षक भोलासिंह राजावत तथा आरक्षक केशव तिवारी के खिलाफ मारपीट का प्रकरण संज्ञान में ले लिया है।
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