अभियोजन के मुताबिक वर्तमान में ग्वालियर कोर्ट में पदस्थ स्टेनोग्राफर उमा पुत्री रामदीन नायक निवासी शिवपुरी ने न्यायालय में तीन साल पूर्व कोर्ट में परिवाद पत्र दायर किया था कि वह वर्ष २०१५ में रतलाम कोर्ट में पदस्थ थी,उसी दौरान वह १२ जुलाई २०१५ को अपने परिजन से मिलने शिवपुरी आई थी। उसी दिन शाम 6 बजे अपनी छोटी बहन के साथ स्कूटी से जा रही थी, तभी शहर के फिजिकल थाना अंतर्गत दो बत्ती चौराहे पर तत्कालीन फिजिकल चौकी प्रभारी महिला उपनिरीक्षक कोमल सिंह परिहार तथा आरक्षक पुलिस भोला सिंह राजावत व केशव तिवारी ने फरियादिया के वाहन को रोका और स्कूटी की चाबी निकाल ली।
जब फरियादिया ने चाबी निकालने पर विरोध किया तो कोमल परिहार उत्तेजित हो गई और गाली-गलौच करते हुए उमा नायक के साथ मारपीट कर दी। घटना के बाद पुलिस ने उमा के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का प्रकरण दर्ज कर लिया था,लेकिन उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में जब परिवाद पत्र दायर किया तो फरियादिया की ओर से अपने परिवाद के समर्थन में 5 साक्षियों के कथन भी लेखबद्ध कराए। साथ ही डॉ. सुनील सिंह ने भी उमा नायक के शरीर पर चोट होना पाया था। इस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने उपनिरीक्षक कोमल पुत्री लाखन सिंह परिहार, आरक्षक भोलासिंह राजावत तथा आरक्षक केशव तिवारी के खिलाफ मारपीट का प्रकरण संज्ञान में ले लिया है।