एसकेवी की एल्युमिनाई थीं मधुलिका रावत
निशि मिश्रा ने बताया कि वैसे तो जनरल रावत तीन बार एसकेवी आ चुके थे। हमेशा उनका कहना रहता था कि बेटियों को आगे बढकऱ देश सेवा में आना चाहिए। इसके लिए अभिभावकों को भी अपनी सोच बदलनी चाहिए। वह कहते थे कि महिलाएं पुरुषों से कमतर नहीं हैं, जरूरत पडऩे पर वह गोली भी खा सकती हैं।
मधुलिका रावत के बारे में निशि मिश्रा बताती हैं कि वह उनका एसकेवी से खास लगाव था। वे हमेशा ही एसकेवी एल्युमिनी रीयूनियन और एल्युमिनी मीट में आती रहती थीं। उन्होंने सन् 1974 से 1982 तक अध्ययन किया। वह बहुत ही सौम्य व्यवहार था। उनसे कोई भी बात कर सकता था।