महाशिवरात्रि पर्व पर सोमवार के साथ कई नक्षत्रों का मिलन होने से पंडितों ने महादेव की पूजा को लाभदायी बताया है। अचलेश्वर महादेव मंदिर पर श्रद्धालुओं को दो से तीन घंटे तक कतार में खड़े रहना पड़ा। मशक्कत के बाद महादेव की पूजा-अर्चना करने पहुंचे।
डम-डम डमरू बाजे
डम-डम डमरू बाजे, नाचे-नाचे भूत-प्रेत नाचे, भोले बाबा बने बाराती, ऐसे भजनों के साथ गुप्तेश्वर महादेव मंदिर से शिवजी की बारात निकाली गई, जिसमें भूत-प्रेत डीजे की ध्वनि पर नाचते रहे। बारात में झांकियां निकाली गईं। बारात गुप्तेश्वर महादेव मंदिर से शुरू होकर गोल पहाडिय़ा, लक्ष्मीगंज, हनुमान चौराहा, नई सडक़, गश्त का ताजिया, इंदरगंज होते हुए अचलेश्वर महादेव मंदिर पहुंची। यहां बारात का स्वागत अचलेश्वर महादेव सार्वजनिक न्यास के पदाधिकारियों ने किया। इसके बाद बारात का समापन किया। गुप्तेश्वर महादेव मंदिर पर शाम को महाआरती की गई। इसी तरह कोटेश्वर, मार्क ण्डेश्वर, भूतेश्वर सहित अन्य मंदिरों पर रात के चारों पहर रूद्राअभिषेक के साथ पूजा-अर्चना की गई।
अचलेश्वर महादेव मंदिर पर 30 क्विंटल फूलों से बंगला सजाया गया। यहां 21 क्विंटल मिठाई, फल प्रसादी का छप्पन भोग लगा। 25 प्रसादी के स्टॉल लगाए गए। इन स्टॉल से श्रद्धालुओं को खीर, आलू का हलुवा, चिप्स, आलू बड़ा, ठंडई का वितरण किया गया। शहर में 70 से अधिक स्थानों पर प्रसादी वितरण किया गया।
अचलेश्वर महादेव मंदिर पर रात में कांवरियों ने गंगाजल चढ़ाया। कांवरियों के लिए न्यास की ओर से अलग से व्यवस्था की गई थी। इसी तरह कोटेश्वर, गुप्तेश्वर, मार्कण्डेश्वर और गिरगांव पर भी कांवरिए गंगाजल लेकर आए।