उच्चशिक्षा मंत्रालय: एक लाख जमा कराएं तब देंगे जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति
“उच्चशिक्षा मंत्रालय द्वारा शासकीय और स्वशासी कॉलेजों में जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष पद के लिए हाल में जारी की गई सूची नियमों के फेर में उलझ गई है। मप्र शासन के गजट नोटिफिकेशन में स्पष्ट उल्लेख है कि इस पद पर वही व्यक्ति ज्वॉइन कर सकता है जो ग्रेजुएट हो साथ ही कॉलेज की समिति के खाते में एक लाख रुपया जमा करा सके।”
सूत्रों की मानें तो वर्ष 1996 में जब जनभागीदारी समिति का गठन पहली बार हुआ था तब इसमें अध्यक्ष के तौर पर विधायक या सांसद जैसे लोगों को नियुक्त किया जाता था, क्योंकि ये जनप्रतिनिधि होने के नाते कॉलेज के लिए अच्छा-खासा धन जुटा लेते थे। वर्ष 2005 में इसमें ग्रेजुएशन की योग्यता अनिवार्य कर की, लेकिन इस बार वर्ष 2017 में मंत्रालय ने अध्यादेश के नियमों को शिथिल कर सभी कॉलेज प्राचार्यों को सदस्य के पद पर नामित व्यक्तियों को जॉइन कराने के निर्देश दिए हैं, जिसका विरोध होना शुरू हो गया है।
केआरजी और एसएलपी में हुई ज्वॉइनिंग
मंत्रालय द्वारा नियम शिथिल करते ही केआरजी और एसएलपी कॉलेज में जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष पद पर नामित लोगों को ज्वॉइन करा दिया। बाकी एमएलबी कॉलेज, साइंस कॉलेज, वीआरजी कॉलेज में जल्द ही नामित सदस्यों को ज्वॉइन करा दिया जाएगा।
इनका कहना
जनभागीदारी समिति के अध्यक्षों की जॉइनिंग कराने के लिए नियम शिथिल करने के साथ सभी प्राचार्यों को अध्यक्ष पद पर नामित लोगों को जॉइन कराने के निर्देश दिए गए हैं।
जयश्री मिश्रा, अपर सचिव, उच्चशिक्षा विभाग